Thursday, September 19

साबूदाना जैसी सफेद चंद गोली में जब दवाइयां का अर्क और अनुभव की बूंद को डाला जाता है तो कैंसर भी पनाह मांग लेता है। ऐसी ही कुछ सफलता हासिल की है रीवा के अर्जुन नगर में रहने वाले होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉक्टर विनोद शुक्ला ने। डॉक्टर शुक्ला ने कई साल तक लगातार शोध एवं उपचार के बाद कुछ दवाइयां को चिन्हित कर लिया है जिसके माध्यम से लिवर से जुड़ी बीमारी व लीवर कैंसर तक को जड़ से ठीक किया जा सकता है।
पिछले 10 साल में कई रोगियों तथा होम्योपैथी से जुड़ी इंडियन तथा जर्मन पुस्तकों को अध्ययन करने के बाद होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉक्टर विनोद शुक्ला ने कुछ निष्कर्ष निकाल पाने में बड़ी सफलता पाई है । उन्होंने लिवर कैंसर को मात देने का फार्मूला तैयार कर लिया है।
अक्सर कहा जाता है कि पहला सुख निरोगी काया लेकिन बड़े ही दुःख की बात है कि आज कि भागम-भाग से भरी जिंदगी में लोग स्वास्थ्य को लगभग भूल चुके है और निरोगी काया की जगह सिर्फ माया के पीछे भाग रहे है।

लीवर हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है लेकिन उचित खानपान और जीवनचर्या के अभाव में आज लिवर के मरीजों में बेहताशा वृद्धि देखने को मिल रही है। जिसकी कीमत सबसे ज्यादा हमारे युवा चुका रहे है।

कोविड के दौरान हुए अचानक लॉकडाउन के चलते लोगों की फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर हो गई थी। जिसने लिवर की परेशानियां बढ़ाने का काम किया। इसके अलावा फास्ट फूड, जंक फूड, ऑयली व मैदे से बनी चीजों का ज्यादा सेवन भी लिवर हेल्थ को प्रभावित कर रहा है। इन अनहेल्दी हैबिट्स की वजह से 5-10% बच्चे जिनकी उम्र 11 से 19 साल है वो भी फैटी लिवर और लिवर सिरोसिस का शिकार हो रहे हैं।

आज लिवर की समस्या एक विकराल रूप धारण कर चुकी है और इस विषय पर चर्चा करने के लिए हमारे साथ है।

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रीवा
होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर विनोद शुक्ला के साथ सवाल-जवाब

सवाल— सबसे पहले तो हमें ये बताइये कि ये लिवर सिरोसिस क्या होता है?
डॉ. विनोद शुक्ला : आसान शब्दों में कहें तो लिवर सिरोसिस लिवर से संबंधित एक रोग है और यह लिवर में धीरे-धीरे विकसित होता है। लिवर सिरोसिस की शुरुआत का कारण लिवर में फैट यानी वसा जमना होता है। लिवर में फैट जमा होने से लिवर डैमेज होने लगता है। फैटी लिवर की समस्या उत्पन्न होने के बाद लिवर कठोर हो जाता है। इस दौरान लिवर में सूजन आने या चोट लगने के कारण लिवर फाइब्रोसिस की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

सवाल :  लिवर सिरोसिस कैसे लोगों को विशेष कर युवाओं को अपना शिकार बना रहा है?
डॉ.विनोद शुक्ला* : आज कम उम्र में अल्कोहल का सेवन करना युवावर्ग में एक फैशन बनता जा रहा है और यही गलत आदत युवाओं को लिवर सिरोसिस का शिकार बना रही है। आज से कुछ सालों पहले ये बीमारी 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी, वहीं अब 30 साल में ही युवाओं में देखने को मिल रही है। यह परेशानी कोरोना के बाद से और ज्यादा बढ़ गई है। लिवर से जुड़ी परेशानियों के लिए अल्कोहल ही एकमात्र वजह नहीं, बल्कि इनएक्टिव लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फ़ूड को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

सवाल : लीवर सिरोसिस के जरूर कुछ अन्य कारण भी होते होंगे?
जवाब : लीवर सिरोसिस के अन्य कारण भी होते है जैसे: – क्रोनिक हेपेटाइटिस बी, क्रोनिक हेपेटाइटिस सी, शराब का अत्यधिक सेवन, नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज आदि। और भी बहुत से कारण होते है।

सवाल  लीवर सिरोसिस के लक्षण क्या होते है?
जवाब : भूख में कमी, खुजली, जी मिचलाना और उल्टी, त्वचा और आंखों में पीलापन, वजन तेजी से कम होना, पैरों में सूजन, मिट्टी के रंग का मल एवं थकान और कमजोरी।

सवाल :  इसके लिए क्या – क्या सावधानियां रखने की जरुरत है?
जवाब : वजन कंट्रोल में रखें, थोड़ी देर ही सही लेकिन नियमित व्यायाम करें, हेल्दी व बैलेंस डाइट लें, शराब का सेवन कम से कम करें,
डाइट में फाइबर रिच फूड्स की मात्रा बढ़ाएं, सीजनल फल व सब्जियों को डाइट में जरूर शामिल करें, बिना डॉक्टर की सलाह लिए खुद से कोई भी दवाइयां न लें।

सवाल.आपके यहां लीवर से सबंधित कौन कौन सी बीमारियों की चिकित्सा की जाती है?

जवाब : देखिये, हमारे क्लिनिक में लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और लिवर कैंसर के मरीजों की उच्च गुणवत्ता वाली जर्मन दवाइयों से चिकित्सा की जाती है। हमारे पास में विदेश से भी मरीज अपनी चिकित्सा करवा रहे और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे है।

सवाल.डाक्टर साहब, अगर कोई मरीज आप से इलाज करवाना चाहे तो उसको क्या करना होगा?
जवाब : मरीज हमारे क्लिनिक के नंबर पर अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते है और यथासम्भव जितनी जल्दी हो सकेगा हम मरीज को समय देने का भरपूर प्रयास भी करते है।

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