Friday, September 20

रीवा। जिले में नवीन कानून लागू होने के बाद थानों में नयी धाराओं के तहत कामकाज शुरू हो गया है। जिले में नए कानून के तहत सोमवार को पहला अपराध सिविल लाइन थाने में पंजीबद्ध हुआ है जिसमें फरियादी एक महिला थी। कायमी के दौरान खुद आईजी एमएस शिकरवार, डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय, एसपी विवेक सिंह सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे।
भारतीय न्याय संहिता के तहत सिविल लाइन थाने में दोपहर अपराध क्र. 308/24 पंजीबद्ध किया गया है जिसमें धारा 296, 351(2) र्थी। पीडि़त महिला रितु को एफआइआर की कांपी दी गई। महिला का आरोपी से विवाद हो गया था जिस पर उसने गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी थी। खुद आईजी ने कम्प्यूटर में बैठकर अपराध कायमी की शुरूआत की।
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ई-एफआईआर कर सकेंगे लोग
नए कानून में अब ईएफआर को भी शामिल किया गया गया है। हालांकि यह पहले से था लेकिन अब इसे कानून के रूप में मान्यता मिल गई है। कोई भी व्यक्ति अपने घर में बैठकर ईएफआईआर कर सकता है लेकिन उसे 3 दिन के अंदर एफआईआर में हस्ताक्षर करने थाने आना होगा। यदि वह तीन दिवस में नहीं आता है तो उसकी शिकायत स्वत: समाप्त हो जायेगी। इसके बाद पुलिस उसकी जांच करेगी और 14 दिवस के अंदर एसडीओपी के समक्ष प्रतिवेदन पेश करेगी। इसके अतिरिक्त एफआईआर की पुरानी प्रक्रिया पहले की तरह ही चलेगी। लोग थाने आकर भी अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकते है।
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चालान पेश करते समय फरियादी को देनी होगी सूचना
थानों में दर्ज प्रकरणों की जांच के बाद चालान पेश करने के लिए समय निर्धारित किया गया है। 60 और 90 दिवस के अंदर दर्ज प्रकरणों की जांच पूरी कर चालान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। अब चालान पेश करते समय पीडि़त केा सूचना देनी होगी और वह चाहे तो चालान पेश करते समय न्यायालय में उपस्थित रह सकता है।

सिटी कोतवाली थाने में दर्ज हुआ भादवि का आखिरी अपराध
भारतीय दंड संहिता के तहत सिटी कोतवाली थाने में रविवार की रात आखिरी अपराध पंजीबद्ध किया गया है। रात्रि 11.13 मिनट पर सिटी कोतवाली थाने में अपराध क्र. 325/23 धारा 294, 323, 506 के तहत दर्ज किया गया है। पीडि़त के साथ आरोपी ने गाली-गलौज कर मारपीट की और जान से मारने की धमकियां दी।

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