Friday, February 7

भोपाल। मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार का ठीकरा प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पर फोडऩे की तैयारी है। राष्ट्रीय नेतृत्व ने उनसे इस्तीफा देने को कहा है। इधर कमलनाथ ने निर्वाचित विधायकों और प्रत्याशियों को भोपाल बुलाया है। उनके साथ बैठक कर प्रारंभिक जानकारी लेंगे और उसके बाद अपना निर्णय सुनाएंगे।
जिस तरह से कमलनाथ अपने हिसाब से प्रदेश को चलाते रहे हैं उससे दिल्ली के कई नेता नाराज चल रहे हैं। चुनाव के दौरान भी उन्होंने अपने हिसाब से काम किया और हार का सामना करना पड़ा है। कमलनाथ ने स्वयं प्रदेश के कई प्रमुख हिस्सों में दौरा तक नहीं किया। इस वजह से अब लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस प्रदेश का नेतृत्व बदलने की तैयारी में है।
राहुल गांधी जिस तरह से लोकसभा के चुनाव के लिए जातिगत गणना को मुद्दा बनाकर ओबीसी वर्ग को अपने साथ जोडऩे की तैयारी में हैं उससे यह माना जा रहा है कि नया अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से हो सकता है। इस वर्ग से कई युवा नेता चुनाव हार गए हैं। जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल सहित कई ऐसे नेता दूसरी पंक्ति के थे जिन्हें कमान मिल सकती थी लेकिन स्वयं चुनाव हारने की वजह से उनको नेतृत्व मिलने की संभावना कम ही नजर आ रही है। अरुण यादव भी दोबारा अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं। इसी तरह आदिवासी चेहरों पर भी दांव खेला जा सकता है।
पार्टी के भीतर यदि एक राय नहीं बनी तो दिग्विजय सिंह यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। क्योंकि दिग्विजय सिंह सबसे सीनियर नेता हैं और उनका कोई विरोध भी नहीं कर पाएगा। पार्टी के लिए वह लगातार मेहनत भी कर रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं अजय सिंह राहुल
कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष के लिए भी कई प्रमुख नाम हैं लेकिन सबसे अधिक संभावनाएं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल की बनी हुई हैं। प्रदेश भर में उनके समर्थक हैं और कमलनाथ यदि नहीं बनते तो वही सबसे सीनियर भी हैं। पिछला चुनाव अजय सिंह हार गए थे, इस कारण पार्टी के नेताओं ने उन्हें उपेक्षित रखने का भी प्रयास किया था। इस कारण अब वह पूरी तटस्थता के साथ वापसी करने की तैयारी में हैं। विंध्य में जहां एक ओर भाजपा की लहर चली वहीं अजय सिंह ने बड़े वोटों के अंतर से चुनाव जीता है।

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