Kangana Ranaut Film Emergency: एक्ट्रेस कंगना रनौत की नई फिल्म इमरजेंसी जल्द बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होने वाली है। फिल्म का ट्रेलर आने के बाद से फिल्म मुश्किलों में घिरती जा रही है। फिल्म को लेकर पंजाब में विवाद शुरू हो गया है। फरीदकोट से सांसद सरबजीत सिंह खालसा और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता करनैल सिंह पीर मोहम्मद के बाद बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी फिल्म में सिखों की भूमिका को गलत दिखाने को लेकर विरोध किया है। अब कंगना रनौत के फैंस भी काफी परेशान हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर खबर है कि फिल्म के रिलीज में भी काफी दिक्कतें आ सकती हैं।
कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी चुनाव जीतने के बाद पहली फिल्म है। इस फिल्म का उनके फैंस काफी समय से इंतजार कर रहे थे। ये फिल्म अगले महीने 6 सितंबर को बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होनी है और रिलीज से पहले ही फिल्म पर विवाद बढ़ गया है। अब बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर देखने के बाद इसका विरोध किया है और एसजीपीसी यानी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने भी चिंता जताई है उनका कहना है कि किसी भी प्रकार की फिल्म से सिख समुदाय को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने फिल्म पर सिखों को गलत तरीके से दिखाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि फिल्म इमरजेंसी पर तुरंत प्रतिबंध यानी बैन लगना चाहिए।. उन्होंने आगे कहा कि एक फिल्म पजाब 95 की रिलीज को 85 कट्स लगने के बावजूद भी मंजूरी नहीं दी गई थी, जबकि च्इमरजेंसीज् को इसके कथित गलत तरीके से दिखाने के बावजूद फटाफट मंजूरी दे दी गई है। बता दें, फिल्म इमरजेंसी में कंगना रनौत ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का किरदार निभाया है। वहीं, फिल्म में सिखों की भूमिका पर हरसिमरत ने भी बयान भी दिया है। उन्होंने अमृतसर में मीडिया से बातचीत में कहा, च्च्मैंने फिल्म नहीं देखी है, लेकिन अगर किसी पार्टी ने आपातकाल के दौरान सबसे बड़ा संघर्ष किया, तो वह शिरोमणि अकाली दल था। उन्होंने कहा कि दिवंगत प्रकाश सिंह बादल आंदोलन का नेतृत्व करने वाले और अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार होने वाले पहले व्यक्ति थे।
हरसिमरत कौर ने आगे कहा, अकाली दल ने पूरे आपातकाल में काफी कठिन संघर्ष किया है और कई गिरफ्तारियों का सामना भी किया है, अगर फिल्म में सिखों को सही ढंग से नहीं दिखाया गया तो इसका कारण यह हो सकता है कि कंगना ने एक बार नहीं कई बार पंजाबियों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, खासकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान, जो दिखाता है कि वो सिखों के विरोध में हमेशा रही हैं।