रीवा। ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के निर्माण पर एक बार फिर किसानों का आंदोलन उग्र हो गया है। बुधवार को गोविंदगढ़ में किसानों ने रेल की पटरी पर बैठकर विरोध दर्ज कराया। इसकी सूचना पर रेलवे के अधिकारी पहुंचे और समझाइश दी। काफी देर तक हंगामे की स्थिति बनी रही। विरोध करने वाले किसानों की संख्या कम जरूर थी लेकिन वह पटरी पर लेट गए जिसकी वजह से रेलवे के अधिकारी भी परेशान थे कि कोई दुर्घटना नहीं हो जाए। इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत महिलाओं ने की थी। धीरे-धीरे अन्य लोग भी जमा हो गए।
ललितपुर-सिंगरौली परियोजना के निर्माण कार्य को लेकर क्षेत्र के किसान विरोध दर्ज करा रहे हैं। निर्माणाधीन गोविंदगढ़ रेल्वे स्टेशन में विगत ग्यारह माह से मुआवजे के साथ ही नौकरी की मांग को लेकर धरना दे रहे हंै। पूर्व में किए गए विरोध की वजह से अधिकारियों के कहने पर ठेकेदार ने काम की गति धीमी कर दी थी।

अब एक बार फिर किसानों ने अपनी मांग को रेलवे तक पहुंचाने के लिए प्रदर्शन शुरू कर दिया है। गोविंदगढ़ के नजदीक ओढ़की गांव में रेल्वे लाइन में गिट्टी लोड ट्रेन को पटरी पर लेटकर महिलाओं ने रोक दिया।

रेलवे संघर्ष समिति के संयोजक महेन्द्र पांडेय ने कहा कि रेलवे ने क्षेत्र के किसानों की भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा स्वीकृत किया और हर परिवार से एक सदस्य को नौकरी के लिए आवेदन भी कराया था। जिसमें कुछ लोगों को नौकरी दे दी गई और बीच प्रक्रिया में ही कहा गया कि अब नियम बदल गया है। इस कारण रेलवे से मांग की जा रही है कि पूर्व में जारी अधिसूचना के तहत ही किसान परिवारों को नौकरी पर रखा जाए।

इस दौरान में प्रमुख रूप से किसान महेन्द्र पाण्डेय, प्रयम्बकेश्वर पाण्डेय, राघवेन्द्र मिश्रा, रामायण शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, चेतमणि मिश्रा, संजय तिवारी, राजेन्द गुप्ता, राजबहोर मिश्रा, हरीश द्विवेदी, मनसुख विश्वकर्मा, सुरेन्द्र मिश्रा, रवीन्द्र मिश्रा सहित अन्य कई मौजूद रहे।
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