Saturday, February 8

रीवा। बारिश के बाद कई मोहल्लों में जलभराव हुआ, जिसके बाद प्रशासन अब तैयारियां तेज कर रहा है। बीहर नदी के ग्रीन बेल्ट में बिना अनुमति बड़ी संख्या में निर्माण किए गए हैं। इन पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। एसडीएम ने टीम के साथ सर्वे करने के बाद पाया है कि नदी के ग्रीन बेल्ट पर अवैधानिक रूप से निर्माण किया गया है। नदी के किनारे मनमानी रूप से रिटेनिंगवाल बना दी गई है। इस कारण नदी का बहाव रुक रहा है।

चार अगस्त को शहर के निपनिया, घोघर, बांसघाट और झिरिया सहित कई मोहल्लों में जलभराव की स्थिति बनी थी। बारिश रुक गई इस वजह से शहर में कोई जनहानि या बड़ा नुकसान नहीं हुआ। ऐसी स्थिति दोबारा शहर में निर्मित नहीं हो, इसके लिए कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा है कि आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी कार्य जल्द दुरुस्थ किए जाएं।

इसी के तहत एसडीएम हुजूर वैशाली जैन ने शहर के भीतर और ग्रामीण क्षेत्र के कई हिस्सों का बीहर नदी के किनारे निरीक्षण किया। जिसमें पाया गया है कि नगर निगम की सीमा नहीं होने की वजह से कालोनियां विकसित करने के लिए किसी तरह की अड़चन नहीं आई। पंचायत के सरपंच से कालोनी विकसित करने की अनुमति ली गई है। इस मामले में अब सख्त कदम उठाए जाने की तैयारी की जा रही है।

– कार्रवाई के लिए जिला पंचायत सीईओ को भेजा प्रस्ताव
बीहर नदी के किनारे तीन कालोनियां विकसित होना पाया गया है। यह नदी के ग्रीन बेल्ट के हिस्से में निर्माण कराने वाली हैं। नदी के किनारे पत्थर और कांक्रीट की दीवार खड़ी कर दी गई है, इस कारण पानी का बहाव धीमा हो गया है। सर्वे करने के बाद एसडीएम ने जिला पंचायत सीईओ को अगली कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा है। जिसमें कहा गया है कि करीब ४० एकड़ के हिस्से में अवैधानिक रूप से प्लाटिंग और कालोनी विकास का कार्य किया गया है। इसमें पंचायत द्वारा कालोनी विकसित करने की अनुमति देने में रेरा के नियमों की अनदेखी की बात भी की गई है।

कालोनाइजर्स को जारी की गई नोटिस
बीहर नदी के किनारे सर्वे के बाद पाई गई विसंगतियों को लेकर एसडीएम ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जिसमें शांति विलास कालोनी, शांति रायल स्टेट और शाही रिसार्ट आदि के प्रबंधन से अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। सर्वे में पाई गई कमियों पर बिन्दुवार जवाब देने को कहा गया है। यहां पर निरीक्षण के दौरान एनजीटी की गाइडलाइन का उल्लंघन कर कालोनी विकसित करने की बात सामने आई थी। नदी के तट पर सटाकर कालोनी का निर्माण किया जा रहा है। इससे नदी के स्वरूप पर असर होगा। जिसमें एनजीटी के प्रावधानों का उल्लंघन है।

कलेक्टर को कार्रवाई के लिए सौंपा गया ज्ञापन
एक ओर प्रशासन द्वारा नदी के पानी बहाव में रुकावट बन रहे अवैध निर्माणों को हटाने कार्रवाई शुरू की गई है। वहीं अब नदी के दोनों किनारों में विकसित हो रही अवैध रूप से कालोनियों पर कार्रवाई की मांग उठाई गई है। सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग उठाई है। जिसमें कहा है कि रेरा अधिनियम और एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर बीहर नदी के किनारे पक्का निर्माण कर नदी के बहाव को रोका जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में यदि तेज बारिश हुई तो शहर में बाढ़ निर्मित होगी। कुछ तस्वीरें भी शिकायत के साथ सौंपी गई हैं जिसमें कहा गया है कि नदी के किनारे को काटकर बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है। इस मामले में ठोस कार्रवाई की मांग उठाई है।
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बीहर नदी के पानी बहाव में कुछ रुकावटें आ रही हैं, जिसकी वजह से गत दिवस कुछ मोहल्लों में पानी भर गया था। इस कारण आगे ऐसी स्थिति नहीं बने इसके लिए नदी के किनारे सर्वे किया है, जहां पर नदी के तटबंध को नुकसान पहुंचाकर निर्माण पाया गया है। तीन कालोनाइजर्स को नोटिस दी गई है। साथ ..ही पूरी रिपोर्ट जिला पंचायत सीईओ को दी गई है, वहां से अगली कार्रवाई होगी।
वैशाली जैन, एसडीएम हुजूर Rewa

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