Thursday, September 19

 

रीवा। शहर के नजदीक अमिलकी गांव में प्राचीन तालाब का स्वरूप बदले जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए कुछ लोगों द्वारा तालाब की भूमि पर खोदाई शुरू की गई है और उसकी मेढ़ को समतल किया जा रहा है। साथ ही उसमें प्लाटिंग की जा रही है। इस पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि तालाब का स्वरूप बदलने वालों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए।

अमिलकी गांव से ग्रामीणों का एक समूह पहले जिला पंचायत सीईओ से मिलने पहुंचा। जहां पर सीईओ मौजूद नहीं थे तो अधिकारियों ने कलेक्टर से शिकायत करने की बात कही। कलेक्टर से भी भेंट नहीं होने की वजह से तहसीलदार के पास सभी पहुंचे। जहां पर तहसीलदार ने सभी की बातें सुनी और उनके दस्तावेजों का परीक्षण किया।

साथ ही पुलिस को भी सूचना भेजी की उक्त मामले में जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाए तब तक के लिए काम रोका जाए। ग्रामीणों ने कहा है कि यदि प्लाटिंग करने का कार्य लगातार जारी रहेगा और प्रशासन द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा तो गांव में तनाव की स्थिति निर्मित हो सकती है। इस कारण मौके पर पुलिस की तैनाती भी कराई जाए।
—–

ग्राम सभा में भी पारित हो चुका है प्रस्ताव
शिकायत करने पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम सभा में भी बीते नौ जून को प्रस्ताव पारित कराया गया था। शासन द्वारा चलाई गई नमामि गंगे योजना के तहत तालाब का गहरीकरण करने और जलस्त्रोत को संरक्षित करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके खसरा में भी सुधार कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बावजूद लोगों ने तालाब की मेढ़ को खोदकर उसे समतल करने का प्रयास शुरू किया है और उसमें प्लाटिंग भी कर रहे हैं।

रानी तालाब के नाम से चर्चित था
अमिलकी की उप सरपंच रमेश सिंह ने बताया कि उनके गांव में प्राचीन तालाब स्थित है। यह रानी तालाब के नाम से जाना जाता है। वर्ष 1994 तक इसके भूमि स्वामी के रूप में रानी साहिबा का नाम दर्ज था। वर्ष 1999 में यह तालाब रानी प्रवीण कुमारी के नाम पर हो गया। इससे गांव के किसी को आपत्ति नहीं थी, क्योंकि सार्वजनिक निस्तार जारी था। इसके बाद पता नहीं कब ललपा रीवा के निवासी शैलेन्द्र कुमार और बालेन्द्र कुमार ने अपने नाम करवा लिया। अब उक्त लोगों ने किसी अन्य प्रापर्टी डीलर को जिम्मेदारी सौंप दी है। जिसने मेढ़ का बड़ा हिस्सा खोद डाला है और प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है। इस कारण गांव के लोगों की मांग है कि तालाब का स्वरूप नहीं बदला जाए। कोर्ट का निर्देश भी है कि तालाब का स्वरूप नहीं बदला जा सकता।
—-

अमिलकी गांव के लोग तालाब का स्वरूप बदले जाने की शिकायत लेकर आए थे। जिनकी बातें सुनी गई हैं और उक्त कार्य में रोक लगा दी है। पटवारी को मौका निरीक्षण कर प्रतिवेदन देने को कहा है। साथ ही भूमि स्वामियों को भी नोटिस देकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
शिवशंकर शुक्ला, तहसीलदार हुजूर रीवा

Share.
Leave A Reply