रीवा। शहर में महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय को भूमि आवंटन करने से जुड़ी प्रक्रिया कई महीने से लंबित है। इस बीच विश्वविद्यालय के परिसर विस्तार और भवनों के निर्माण को लेकर राशि जारी करने और उसकी तैयारियों से जुड़ी समीक्षा किए जाने पर सवाल उठाए गए हैं। समाजवादी पार्टी के शहर अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह गहरवार ने कहा है कि लंबे समय से रीवा में उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय का कैम्पस स्थापित करने की चर्चा चल रही है।

इस संबंध में रीवा के जिला प्रशासन ने 24 जून 2024 को पत्र शासन को भेजा था। जिस पर अब तक किसी तरह की स्वीकृति से जुड़ी जानकारी नहीं दी गई है। वर्तमान में भी लक्ष्मणबाग संस्थान के नाम पर ही उक्त भूमि खसरे में दर्ज है। इस बीच उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा कि 45 करोड़ रुपए की लागत से परिसर का निर्माण कराया जाएगा। इसमें प्रशासनिक, अकादमिक भवनों के साथ ही हॉस्टल आदि का निर्माण कराया जाएगा। सपा अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। शासन और जिला प्रशासन को कोर्ट का नोटिस भी है। ऐसे समय भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी कराने के बाद भवन निर्माण की राशि खर्च करने की चर्चा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला कदम है। इस संबंध में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग उठाई गई है।

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