रीवा। एक घर में अचानक रात में तेंदुआ घुस गया। गनीमत रही कि कमरे में उस समय कोई नहीं था। पीडि़त परिवार ने कुछ खरगोश पाल रखे थे जिनको तेंदुआ खा गया। घटना से पूरे गांव में लोग दहशत में आ गए। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई जिसने बेहोश करके तेंदुएं को पकड़ा है। पूरा मामला मऊगंज थाने के रकरी गांव का बताया जा रहा है।
मऊगंज थाने के पचपहरा गांव निवासी रमेश साकेत के घर में शनिवार की रात तेंदुआ घुस गया। उस समय पीडि़त परिवार दूसरे कमरे में थे और जंगल तरफ से तेंदुआ आकर उनके घर में घुस गया। उन्होंने घर में 13 खरगोश पाल रखे थे जो उसी कमरे में मौजूद थे जिसमें तेंदुृआ घुस गया। उसे कमरे में जाते देखकर परिजनों ने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। इस दौरान कमरे में मौजूद 12 खरगोश को तेंदुआ खा गया। एक खरगोश पिंजड़े में थे जो सुरक्षित बच गया। बाद में तेंदुआ कमरे में रखे पलंग के नीचे जाकर बैठ गया। घटना से पूरे गांव में अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। उन्होंने वन विभाग को सूचना दी जिस पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। वन परिक्षेत्र अधिकारी नयन तिवारी के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची जिसने तेंदुएं को पकडऩे के लिए रेसक्यू आपरेशन किया। ट्रंकलाइज्ड करके तेंदुएं को बेहोश किया गया और बाद में उसे पकड़ लिया गया। तेंदुएं के पकड़े जाने के बाद स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। पचपहरा गांव आसपास के जंगलों से घिरा हुआ है। बहेरा डाबर व सरईया के जंगल से लगा हुआ है जहां से घूमते हुए तेंदुआ गांव में घुस आया था।
डाक्टर की टीम ने किया परीक्षण, पूरी तरह से स्वस्थ्य था तेंदुआमुकुंदपुर टाइगर सफारी से डाक्टर्स की टीम भी भी गांव आई थी जिसने तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण किया। वह पूरी तरह से स्वस्थ्य था। वह काफी कम उम्र का युवा तेंदुआ था जिसको बाद में अधिकारियों द्वारा जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया है। आशंका जताई जा रही है कि वह अपने कुनबे से बिछड़कर गांव में घुस आया है।
मुकुंदपुर से पहुंची टीम, तीन घंटे की मशक्कत के बाद पकड़ा
घर में तेंदुआ घुसने की सूचना पर मुकुंदपुर से विशेष टीम गांव पहुंची। डाक्टर द्वारा निर्धारित मात्रा में उसको दवा दी गई और खिड़की से ट्रंकलाइज्ड कर उसको बेहोश हो गया। उसके बेहोश होने के बाद वन विभाग की टीम ने कमरे के अंदर से उसको सुरक्षित पकड़ लिया। उसकी जांच की गई तो वह पूरी तरह से स्वस्थ्य था। उसे जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया है।
मयंक चांदीवाल, डीएफओ