रीवा. अवैध संबंधों को छिपाने के लिए पत्नी-बेटे की हत्या करने वाले अभियुक्त को जिला न्यायालय के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश पद्मा जाटव की कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 5,000 रुपए का अर्थदंड लगाया है। घटना 16 जनवरी 2023 को मनगवां बस्ती में हुई थी।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे अपर लोक अभियोजक एड. विकास द्विवेदी ने बताया कि, आरोपी अमित वर्मा का विवाह वर्ष 2016 में अंजली वर्मा से हुआ था। विवाह के कुछ समय बाद दहेज को लेकर विवाद शुरू हो गया और आरोपी का किसी अन्य लडक़ी के साथ अवैध संबंध होने की जानकारी सामने आई। इस दौरान अंजली एक साल के बेटे अॢपत को लेकर मायके चली गई। घटना से तीन-चार दिन पहले आरोपी ससुराल पहुंचा और वहां उसका अंजली के साथ ही उसके परिजनों से अवैध संबंध को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद आरोपी 15 जनवरी 2023 को अंजली और पुत्र अर्पित को घर लेकर आया और उक्त बातों को लेकर अपने रास्ते से हमेशा के लिए हटाने के लिए अपने घर के ही कमरे में पत्नी-बच्चे को बंदकर आग लगा दी और खुद आंगन से छत के रास्ते बाहर भाग गया।
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दहेज एक्ट का मामला हत्या में बदला
पुलिस ने आरोपी अमित वर्मा के विरुद्ध धारा 498, 304बी भारतीय दंड विधान एवं धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत कोर्ट में प्रस्तुत किया था। जहां सुनवाई के दौरान आए साक्ष्यों के आधार पर मामला हत्या का साबित हुआ। जिसके चलते कोर्ट ने हत्या के अपराध का प्रकरण मानते हुए आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड का भुगतान नहीं किए जाने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।