Thursday, September 19

रीवा। विंध्य विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई लोकायुक्त की रीवा इकाई ने आरोपी के शिल्पी प्लाजा स्थित कार्यालय में की। आरोपी सीईओ ने सतना जिले के नागौद जनपद के ग्राम पंचायत के मझियारी के उप सरपंच रंजीत सिंह निवासी सुजावल से यह रिश्वत की मांग की थी। रुपयों के लिए आरोपी लगातार परेशान कर रहा था और राशि जारी करने के बदले कमीशन की मांग कर रहा था।

लगातार परेशान किए जाने की वजह से उप सरपंच ने इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी से की। जहां से शिकायत का सत्यापन कराया गया तो पता चला कि विंध्य विकास प्राधिकरण का सीईओ राजेश साकेत रिश्वत की मांग कर रहा है। लोकायुक्त एसपी द्वारा करीब दर्जनभर से अधिकारियों की टीम गठित कर कार्रवाई के लिए भेजा गया। सायं आफिस बंद होने के कुछ समय पहले ही आरोपी सीईओ ने रिश्वत लेकर बुलाया था। जैसे ही उसने 30 हजार रुपए लिए तत्काल पीछे से पहुंची लोकायुक्त की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी का हाथ धुलवाया गया तो उससे रंग छूटने लगा। जिससे स्पष्ट हो गया कि आरोपी ने रिश्वत के लिए चिन्हित रुपए जो लोकायुक्त की टीम की ओर से दिए गए थे उन्हें ही लिया गया है।

– दस हजार की रिश्वत पहले ही ले चुका था
शिकायतकर्ता रंजीत ङ्क्षसह ने बताया कि ग्राम पंचायत मझियारी में विंध्य विकास प्राधिकरण की ओर से पक्की नाली निर्माण एवं ग्रेवल रोड निर्माण के लिए करीब २५ लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। इसकी एक किस्त भी प्राप्त हो गई है, शेष राशि निकालने के लिए राजेश साकेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी विंध्य विकास प्राधिकरण द्वारा 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई। आरोपी अधिकारी के दबाव की वजह से शिकायतकर्ता ने 10 हजार रुपए पहले ही दे दिया था। शेष 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने धर दबोचा है।

एक सीईओ पहले भी हो चुका है गिरफ्तार
विंध्य विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा रिश्वत लेने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी राजेश कुमार झारिया नाम का सीईओ यहां अपने कार्यालय में ही रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हो चुका है। उक्त आरोपी ने 1.50 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने आरोपी के घर पर भी जांच कराई थी जिसमें बड़ी मात्रा में अनुपातहीन संपत्ति पाई गई थी। कई दिनों तक आरोपी हिरासत में रहा है। अब उसी कुर्सी पर बैठे दूसरे सीईओ राजेश कुमार साकेत ने ३० हजार रुपए की रिश्वत ली है। कहा जा रहा है कि इसके पहले कई अन्य लोगों की ओर से भी रिश्वत लेने के आरोप लगाए जाते रहे हैं।

विंध्य विकास प्राधिकरण के सीईओ को ३० हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। जिस पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है। आरोपी ने प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत राशि का भुगतान करने के बदले यह रिश्वत की मांग की थी।
गोपाल सिंह धाकड़, एसपी लोकायुक्त रीवा

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