भोपाल। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सभी प्रमुख दलों में नेताओं की बगावत सामने आ रही है। इन सबके बीच भाजपा को भी एक बड़ा झटका लगा है । राज्यसभा सांसद रहे अजय प्रताप सिंह ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है । इन्होंने न केवल त्यागपत्र दिया है बल्कि चुनाव मैदान में जाने के भी संकेत दिए हैं। इनदिनों अजय प्रताप सिंह अपने गृह जिले सीधी के संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं।
अजय प्रताप भाजपा के विभिन्न पदों पर कई वर्षों तक रहे हैं और पार्टी के कैडर वाले कुछ चिन्हित नेताओं में से एक रहे। इस कारण ऐसे नेता के पार्टी छोड़ने से पुराने कार्यकर्ता भी मायूस हैं । वह केवल सीधी संसदीय क्षेत्र ही नहीं बल्कि प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी भाजपा के संतुष्ट नेताओं से संपर्क के साथ रहे हैं। आने वाले दिनों में वह प्रदेश में भाजपा से आहत नेताओं को लेकर एक बड़ा मंच तैयार करने की योजना भी बना रहे हैं।
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विंध्य में नाराज क्षत्रियों को भी साथ लाने का प्रयास

विंध्य क्षेत्र में क्षत्रिय नेताओं को लेकर भाजपा और कांग्रेस कुछ समय से अधिक दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं । अधिकांश क्षत्रिय नेता दोनों दलों में साइड लाइन किए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने रीवा-सतना और सीधी संसदीय क्षेत्र में ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं ओबीसी को टिकट देने के संकेत दिए थे । भाजपा ने रीवा और सीधी में ब्राह्मण एवं सतना में ओबीसी प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं कांग्रेस ने भी सीधी और सतना में ओबीसी प्रत्याशी उतारे। इस क्षेत्र में क्षत्रिय समाज को संगठनों में भी अधिक महत्व नहीं मिल पा रहा है । मंत्रिमंडल गठन के बाद कई सीनियर विधायक भी मंत्री बनने से उपेक्षित रह गए हैं। उक्त नेताओं के समर्थकों को अजय प्रताप अपने साथ खींचने की तैयारी में जुटे हैं।
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सीधी में बैठक की
भाजपा से इस्तीफा देने के बाद अजय प्रताप सिंह ने सीधी में अपने समर्थकों के साथ बैठक की है जिसमें उन्होंने आगे की रणनीति पर सभी से सुझाव मांगा है। जिसमें अधिकांश समर्थकों ने कहा है कि वह चुनाव मैदान में उतरें।

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