Loksabha election 2024 congress candidate Rewa Madhya Pradesh : लोकसभा चुनाव के लिए लंबे मंथन के बाद रीवा संसदीय सीट के लिए भी कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी की घोषणा कर दी गई है। पार्टी ने भाजपा की पूर्व विधायक नीलम मिश्रा (Neelam Mishra) को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित किया है।

नीलम राजनीतिक रूप से वर्ष 2013 से 2018 के बीच ही सक्रिय रही हैं। उस दौरान वह सेमरिया सीट से भाजपा की विधायक थीं। इसके बाद से वह राजनीतिक कार्यक्रमों से दूर रहीं।

नीलम के पति अभय मिश्रा (Abhay Mishra) कांग्रेस से वर्तमान में सेमरिया सीट से विधायक हैं । अकेले विधायक होने की वजह से पार्टी ने माना है कि अन्य दावेदारों की तुलना में नीलम मिश्रा मजबूत साबित होंगी। कांग्रेस की टिकट से करीब आधा दर्जन नेता चुनाव लड़ना चाह रहे थे इसके लिए कई महीनों से भोपाल और दिल्ली का चक्कर उक्त दावेदार लग रहे थे।

करीब सप्ताह भर पहले ही पार्टी की ओर से यह संकेत दे दिया गया था कि नीलम मिश्रा ही रीवा सीट से प्रत्याशी होंगी। जिसकी वजह से उनके पति विधायक अभय मिश्रा सक्रिय हुए और रीवा सहित जिले के दूसरे हिस्सों में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं। प्रत्याशी घोषित होने के पहले ही पार्टी की ओर से चुनाव कार्यालय भी खोल दिया गया है और संगठन के स्तर पर तैयारी बैठकें की जा रही हैं।

पति करते रहे दलबदल, नीलम राजनीति से रहीं दूर

विधायक बनने से पहले हाउसवाइफ रहीं नीलम मिश्रा ने विधायक रहने के दौरान पूरी सक्रियता के साथ काम किया लेकिन कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्होंने खुद को राजनीति से दूर कर लिया। वहीं उनके पति लगातार दल बदल करते रहे। वर्ष 2018 में नीलम मिश्रा को भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो उनके पति अभय मिश्रा ने भाजपा छोड़ कर कांग्रेस ज्वाइन कर लिया और रीवा सीट से राजेंद्र शुक्ल (Rajendra Shukla) के खिलाफ मैदान पर उतरे। हार के बाद अभय ने कांग्रेस नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए और पार्टी से दूरी बनाए रहे, हालांकि बीते साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वह सेमरिया सीट से कांग्रेस के दावेदार थे लेकिन अचानक नीलम मिश्रा के साथ भाजपा में चले गए। उस दौरान नीलम ने कहा था कि उनके पति जरूर कांग्रेस में रहे लेकिन वह राजनीतिक रूप से किसी दल में नहीं रही हैं।

इसके कुछ महीने बाद अभय मिश्रा फिर से कांग्रेस में लौटे और सेमरिया से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक भी बने। इसके बाद भी नीलम मिश्रा कांग्रेस के कार्यक्रमों में नहीं पहुंचती थीं। बताया जा रहा है कि नीलम लोकसभा का भी चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं थीं लेकिन पति अभय मिश्रा के कहने पर वह तैयार हुई हैं। अभय मिश्रा का लगातार दल बदल करना पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बैठाने में मुश्किलें खड़ी कर सकता है क्योंकि कई नेताओं ने खुलकर उनका विरोध किया है।
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जनार्दन मिश्रा करते रहे हैं सीधा विरोध
भाजपा के प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा (Janardan Mishra) के सामने चुनाव मैदान में उतारी गईं नीलम का पहले भी राजनीतिक तौर पर धुर विरोध रहा है। भाजपा में रहते हुए दोनों की ओर से एक दूसरे पर खुलकर आरोप लगाए जाते रहे हैं। इस बात से आहत होकर नीलम मिश्रा ने विधानसभा में रोते हुए कहा था कि उन्हें पार्टी में रहते हुए प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है इस कारण से अब वह राजनीतिक पचड़े से दूर रहना चाहती हैं।

नीलम मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान मंत्री राजेंद्र शुक्ला और सांसद जनार्दन मिश्रा पर कई आरोप भी लगाए थे। इस कारण माना जा रहा है कि पुराने विरोधियों के बीच हो रहा मुकाबला दिलचस्प रूप से देखने को मिलेगा।
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कांग्रेस में बगावत की आशंका
हाल के दिनों में कांग्रेस की ओर से कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। कुछ नेता लोकसभा की टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन अब टिकट की घोषणा होने के बाद पार्टी के भीतर अंतर विरोध होने की आशंका बढ़ गई है। सबसे अधिक असंतुष्ट सेमरिया विधानसभा के ही नेता बताई जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान करीब दर्जन भर की संख्या में वरिष्ठ नेताओं ने अभय मिश्रा का खुलकर विरोध किया था जो अब भी मुखर हैं। माना जा रहा है कि उसमें कई नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। जिले के अन्य हिस्सों के नेताओं में भी नाराजगी सोशल मीडिया पर देखी गई है।

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