Thursday, September 19

रीवा। जिले में धान मिलर्स और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से एक बार फिर फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसमें एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन(नॉन) की ओर से एक मिलर्स को फर्जी डिपाजिट आर्डर जारी कर दिया गया है। इस मामले की जानकारी जब दूसरे मिलर्स को हुई तो उन्होंने आपत्ति उठाई और मामले की शिकायत भोपाल तक पहुंच गई।

आनन-फानन में नॉन की ओर से उक्त आर्डर को लेकर खंडन आर्डर जारी किया गया और सफाई दी गई कि उनके यहां से यह डिपाजिट आर्डर जारी नहीं किया गया है। नॉन के जिला प्रबंधक ने एमपी स्टेट वेयरहाउसिंग एंड लाजिस्टक कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि दीपक वेयर हाउस में जो सीएमआर(चावल) जमा कराने का आदेश जारी हुआ है वह फर्जी है उस पर तत्काल रोक लगाई जाए। पत्र में उल्लेख किया गया है वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की कस्टम मिलिंग का कार्य प्रारंभ है।

अनुबंध के अनुसार राइस मिलर्स से भारतीय खाद्य निगम के अधिकृत गोदामों में चावल जमा कराए जाने की प्रक्रिया भी चल रही है। नॉन द्वारा अपने गोदामों में 17 मार्च के बाद से चावल जमा कराए जाने के आर्डर जारी नहीं किए जा रहे हैं। मामला संज्ञान में आया है कि महादेव राइस मिलर के नाम पर 12 डिपाजिट आर्डर जारी हुए हैं। यह आर्ड 18 एवं 19 मार्च की तारीख पर जारी हुए हैं, जबकि उसके पहले से ही डिपाजिट आर्डर जारी किए जाने पर रोक लगाई जा चुकी है। इस कारण महादेव राइस मिलर को दिए गए डिपाजिट आर्डर के तहत दीपक वेयर हाउस में चावल जमा कराने के लिए जो आर्डर जारी हुआ था उसे निरस्त कर दिया गया है। इस कारण किसी तरह के चावल को जमा नहीं कराया जाए।

– पोर्टल पर छेडख़ानी का आरोप
नान के जिला प्रबंधक ने कहा है कि डिपाडिट आर्डर पोर्टल के जरिए जारी किया जाता है। किसी ने पोर्टल पर छेडख़ानी कर इस तरह का आर्डर जारी किया है। इस कारण आईजी रीवा जोन को पत्र लिखकर कहा गया है कि वह पूरे मामले की जांच कराएं और दोषियों पर कार्रवाई करें।

– मिलर्स ने अफसरों की भूमिका पर उठाए सवाल
कई धान मिलर्स की ओर से एक शिकायत भोपाल भेजी गई है। जिसमें कहा गया है कि रीवा के अधिकारी कुछ चिन्हित मिलर्स के साथ मिलीभगत करते हुए फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। धान मिलर्स को एफसीआई की गोदामों में अच्छी गुणवत्ता का चावल जमा कराना होता है, मौसम की वजह से धान खरीदी केन्द्रों में ही भीग गई थी। जिसकी वजह से चावल में भी नमी है। इस कारण समय पर एफसीआई के गोदाम में जमा नहीं किए जा सके। जिसके चलते नान ने भी अपने यहां चावल लेने से रोक लगा रखी है। आरोप है कि करीब आधा दर्जन मिलर्स को अधिकारियों का संरक्षण है जिसके चलते उन्हें इसी तरह से चोरी-छिपे आर्डर जारी किए जा रहे हैं। मामले का खुलासा होने के बाद आर्डर पर रोक लगाए जाने की बात कही जा रही है। इन आरोपों पर नान के जिला प्रबंधक देवेन्द्र तिवारी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

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