सतना। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं ।
इस बीच सतना के पुराने कांग्रेसी राजाराम त्रिपाठी में भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। राजाराम त्रिपाठी पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी थे और भाजपा के सांसद गणेश सिंह को कड़ा मुकाबला दिया था।
मुख्यमंत्री मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के मैहर सतना प्रवास के दौरान आयोजित कार्यक्रम में राजा राम त्रिपाठी को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। इस दौरान कांग्रेस के कई और पुराने नेता भाजपा में शामिल हुए।
राजाराम त्रिपाठी सतना के महापौर भी रहे हैं। लंबे समय से कांग्रेस के लिए समर्पित भाव से राजाराम काम करते रहे हैं। उनका जाना पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राजाराम त्रिपाठी पूर्व मुख्यमंत्री कुंवर अर्जुन सिंह के समय से सक्रिय रहे हैं। वर्तमान में वह पूर्व नेता प्रतिपक्ष और अर्जुन सिंह के पुत्र अजय सिंह राहुल के प्रमुख करीबियों में से एक थे।
अजय सिंह राहुल के समर्थक
कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व द्वारा सतना में अजय सिंह राहुल के समर्थक नेताओं को साइड लाइन करने के कारण पार्टी में बड़ी बगावत शुरू हुई है। कांग्रेस की ओर से सतना के विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को टिकट दी गई है जिस पर कई नेता लगातार विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि एक ही व्यक्ति को महापौर, विधायक और सांसद के चुनाव में टिकट दिया जा रहा है।
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जातिवाद में उलझे सिद्धार्थ
सिद्धार्थ कुशवाहा द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी किए जाने और गुटबाजी के चलते यह विरोध बढ़ रहा है। आरोप है कि वह जातीय राजनीति के मकड़ जाल में उलझते जा रहे हैं और अपनी जाति के बाहर के दूसरे नेताओं को एकजुट नहीं कर पा रहे हैं।
गणेश सिंह को राहत
सतना में इस बार मोदी लहर के बावजूद प्रत्याशी गणेश सिंह का बड़ा विरोध था लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के भीतर बगावत बढ़ रही है उससे माना जा रहा है कि भाजपा अब पहले से अधिक मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी है।