Loksabha Election Sidhi 2024
सीधी। मध्यप्रदेश का सीधी संसदीय क्षेत्र इस बार के चुनाव में चर्चा में है। इसकी वजह यह है कि यहां से आरएसएस पृष्टिभूमि के बड़े नेता रहे अजय प्रताप सिंह ने राज्यसभा के सांसद रहते भाजपा से बगावत कर दी है। उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है और भाजपा के खिलाफ ही मैदान में कूद गए हैं।
अपने समर्थकों के साथ लगातार बैठकें और चर्चा के बाद उन्होंने चुनाव लडऩे की बात कही है। पहले वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही मैदान में आना चाह रहे थे लेकिन उनके समर्थकों का मानना है कि किसी राजनीतिक दल से चुनाव लड़ेंगे तो समीकरण उनके पक्ष में हो सकते हैं। सीधी संसदीय क्षेत्र में सीधी, सिंगरौली के साथ ही शहडोल जिले का ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र आता है। इन सीटों में आदिवासी वोटों की बड़ी संख्या है।
इस कारण अजय प्रताप सिंह के समर्थकों का मानना है कि यदि आदिवासियों का साथ मिला तो वह चुनाव जीत सकते हैं। क्योंकि भाजपा के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पार्टी नेतृत्व से नाखुश हैं, वह खुलकर प्रचार चाहे भले ही नहीं करें लेकिन पार्टी से नाराज चल रहे हैं।
इसी तरह का हाल कांग्रेस पार्टी में भी है। सीधी से कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी मेंबर कमलेश्वर पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। कुछ महीने पहले ही कमलेश्वर विधानसभा का चुनाव बड़े अंतर से हारे हैं। साथ ही पार्टी के कार्यकर्ता भी चुनाव को लेकर अधिक उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं। सीधी के बड़े नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भी लोकसभा चुनाव को लेकर सक्रिय नहीं हैं। इस कारण अजय प्रताप भाजपा एवं कांग्रेस दोनों दलों के नाराज कार्यकर्ताओं को साधने के प्रयास में हैं।
हालांकि नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई और समय कम बचा है, जिसकी वजह से अजय प्रताप के सामने चुनाव मैदान में मजबूती से उतरना बड़ी चुनौती है। उनके समर्थकों का दावा है कि इस बार का चुनाव सीधी में त्रिकोणीय होगा। अब तक भाजपा और कांग्रेस ही सीधे मुकाबले में रहे हैं।
सीधी में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का संगठन कई विधानसभा क्षेत्रों में सक्रिय है। जहां पर चुनावों में अच्छा वोट भी मिलता रहा है। इसी वजह से अजय प्रताप के समर्थक चाहते हैं कि वह गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ेंगे तो मुकाबला त्रिकोणीय रहेगा।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से चुनाव लडऩे के लिए अजय प्रताप के समर्थकों का दबाव इसलिए भी है कि मध्यप्रदेश में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन है। ऐसे में दलित और आदिवासियों का वोट साधने में सफल रहे तो जीत के करीब पहुंच सकते हैं। हालांकि बसपा ने सीधी से भी प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इस कारण अब गणित बिगड़ सकता है। अजय प्रताप सिंह के समर्थकों का मानना है कि बसपा अपना प्रत्याशी वापस लेगी।