इंदौर. नगर निगम फर्जीवाड़े में वित्त विभाग ने मंगलवार को चार अफसरों को निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच के दौरान ऑडिट शाखा के इन चार अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई थी। इन पर कार्रवाई के लिए निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने वित्त विभाग को पत्र लिखा था।
इस आधार पर संयुक्त संचालक अनिल कुमार गर्ग, डिप्टी डायरेक्टर समर सिंह, असिस्टेंट ऑडिटर रामेश्वर परमार के अलावा सीनियर ऑडिटर जेएस ओहरिया को निलंबित कर दिया गया। सभी को रीवा और सागर अटैच किया है। मप्र शासन वित्त विभाग के अवर सचिव ने निलंबन आदेश जारी किए हैं। साथ ही एमजी रोड थाना पुलिस ने एक अन्य फरार ठेकेदार को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में बताए 52 नाम
फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड माने जा रहे अभय राठौर से एमजी रोड थाना पुलिस सख्ती से पूछताछ कर रही है। सोमवार को डीसीपी पंकज पांडे ने भी घंटों पूछताछ की। राठौर ने फर्जीवाड़े में शामिल 52 लोगों के नाम पुलिस के सामने रखे हैं। इसमें ठेकेदार, कम्प्यूटर ऑपरेटर, दो सब इंजीनियर, एक इंजीनियर और कई अन्य शामिल हैं। पुलिस इन सभी नामों की जांच कर रही है। पुलिस को आशंका है कि जांच को भटकाने के लिए राठौर ये नाम बता रहा है।
फरार ठेकेदार गिरफ्तार
दूसरी ओर एमजी रोड थाना पुलिस ने फर्जीवाड़े में शामिल फरार ठेकेदार मोहम्मद सिद्दीक को भंवरकुआं से गिरफ्तार किया है। टीआइ विजय सिंह सिसौदिया के मुताबिक निगम में फर्जी बिल लगाकर भुगतान की सुनील गुप्ता की शिकायत पर केस दर्ज किया था। मामले में एक आरोपी मोहम्मद सिद्दीक फरार था। उसकी गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित था। मोहम्मद सिद्दीक ग्रीन कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी का संचालक था। निगम के फर्जी बिल भुगतान में उसकी कंपनी के खातों में भी भुगतान हुआ था। उसे शुरुआत में ही नामजद आरोपी बनाया था, वह तब फरार था। पूछताछ में खंडवा में फरारी काटने की बात कबूल की है।
पूछताछ में बताए नामों की ले रहे जानकारी
डीसीपी पांडे के मुताबिक अभय राठौर ने पूछताछ के दौरान अब तक बताया है कि आखिर कैसे वह फाइल तैयार करता था। उसमें कौन-कौन साथ देता था। वो जानकारी देता था, उसके आधार पर फाइल तैयार होती थी। उसकी सांठ-गांठ वाले कर्मचारी भुगतान कर देते थे। इसके अलावा वह कुछ और नाम बता रहा है। यदि किसी की भी भूमिका संदेह के घेरे में होगी उन्हें तलब कर पूछताछ करेंगे।