रीवा। खराब सड़क की वजह एक मरीज की जान पर बन आई। सबकुछ था लेकिन अस्पताल पहुंचने का रास्ता नहीं था। अंतत: लोगों ने मिलकर खटिया में मरीज को लिटाया और एक किमी तक पैदल चले जिसके बाद मरीज को अस्पताल ले जाया गया। इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसने प्रशासनिक दावों की कलई खोलकर रख दी। पूरा मामला सोहागी कस्बे के वार्ड क्र. 1 का बताया जा रहा है।
रामनरेश हरिजन पिता सच्चितानंद हरिजन 45 वर्ष निवासी सोहागी वार्ड क्र. 1 में स्थित अपने खेत गया था। वहां पर वे गांव के अपने कुछ परिचितों से मिलने चले गए जहां अचानक उनकी तबियत खराब हो गई। उनको पेटे में काफी तेज दर्द महसूस हुआ। लोगों ने उनकेा अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन हाइवे से गांव तक पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं थी। मिट्टी युक्त सड़क बारिश के बाद दलदल बन चुकी थी जिसमें पैदल चलना भी आसान नहीं था।
ऐसे में मरीज को वाहन से अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं था। फलस्वरूप लोगों ने मरीज को खटिया में लिटाकर एक किमी पैदल चलकर मरीज को मुख्य मार्ग तक लेकर आए और वहां से फिर बाइक में उन्हें त्योंथर अस्पताल ले जाया गया। खटिया में मरीज को ले जाने का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जो अब प्रशासनिक दावों की पोल खोल रहा है।
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मुख्य मार्ग से गांव का टूट जाता है सम्पर्क
उक्त गांव का बारिश के मौसम में मुख्य मार्ग से संपर्क टूट जाता है। बारिश के मौसम में प्रतिदिन लोग कीचड़ से जूझते है। वे अपने वाहनों को परिचितों के यहां खड़ाकर प्रतिदिन कीचड़ से लड़ते हुए घर पहुंचते है। बरसात के चार महीने लोगों को यहां नर्क से भी बदतर जीवन गुजारना पड़ता र्है। काफी समय से स्थानीय लोग सड़क के लिए संघर्ष कर रहे है लेकिन अभी तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है।
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सोहागी का एक सड़क का निर्माण स्वीकृत कराना है किन्ही कारणों की वजह से स्वीकृति नहीं मिल पाई है। एक किमी की सड़क है जो कीचड़ से युक्त है। बरसात बाद हम यहां पर सड़क निर्माण स्वीकृत कर उसे बनवायेंगे।
राहुल पाण्डेय, सीईओ जनपद पंचायत त्योंथर
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क्या बोले स्थानीय लोग
गांव की सड़क काफी समय से खराब है। बरसात के मौसम में सड़क काफी समय से खराब है और बरसात में वाहन हमारे गांव तक नहीं आ पाता है। उनकी आज अचानक गांव में तबियत खराब हो गई थी जिसकी वजह से हम लोग खटिया में लेकर उनको सड़क तक आए थे।
सुरेन्द्र कुमार, स्थानीय निवासी
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सोहागी के वार्ड क्र. 1 में बारिश के बाद वाहन लेकर चलना संभव नहीं हो पाता है। काफी समय से सड़क निर्माण की मांग हम लोग कर रहे थे। जिस व्यक्ति की तबियत खराब हुई थी वे गांव में खेती करने आए थे और तभी बीमार पड़ गए। जीवन बचाने के लिए हम लोग खटिया से उनको मुख्य सड़क लेकर गए।
भानु प्रताप कुशवाहा