रीवा। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने स्वीकार किया है कि मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में देश में सबसे खराब स्थिति में मध्यप्रदेश है। इस पर सुधार के लिए कार्ययोजना बनाकर समन्वित प्रयास करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। संभागीय समीक्षा बैठक में शुक्ला ने कहा कि प्रदेश की स्थिति को सुधारने के लिए रीवा संभाग को बेहतर करना होगा। इसके लिए स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग को समन्वित प्रयास करना होगा। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि मिलकर गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत पंजीयन करें तथा प्रतिमाह उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाय।
उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सूचकांक के अनुपात में रीवा संभाग में एएनसी पंजीयन व संस्थागत प्रसव सहित स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश की मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में देश में स्थिति ठीक नहीं है इसमें बहुत अधिक सुधार की आवश्यकता है। इसलिए आवश्यक है कि स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला पूरी संवेदनशीलता के साथ घर-घर जाकर गर्भवती माताओं का शत-प्रतिशत पंजीयन करते हुए उन्हें प्रतिमाह व तिमाही में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं दें तथा उनकी जांच कराएं ताकि वह महिलाएं हाईरिस्क में न जा पाएं। उन्होंने कहा कि हाईरिस्क में यदि गर्भवती महिला पहुंचती है तो उसको समय-समय पर उपचार दिया जाय। इसके बाद संस्थागत प्रसव कराकर सुरक्षित किया जाय। शुक्ला ने कहा कि लोगों को बताएं कि वह अपने घरों की महिलाओं के खान-पान का ध्यान नहीं रखते इस कारण पूरे प्रदेश की स्थिति खराब है।
बैठक में कलेक्टर सतना डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव, कलेक्टर मैहर रानी वाटड, सीईओ जिला पंचायत रीवा मेहताब सिंह गुर्जर एवं अन्य जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर सिंगरौली वीसी के माध्यम से बैठक में जुड़े। इस दौरान स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के रीवा संभाग के जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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सुविधाएं सभी मिलेंगे, तन्मयता से काम करें
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के अनेक कार्य संचालित हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अस्पताल भवनों के निर्माण के साथ ही पर्याप्त दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के कार्य प्राथमिकता से किए जा रहे हैं। जरूरत इस बात की है कि मैदानी अमला पूरी निष्ठा से कार्य करें तथा जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी गंभीरता से मानीटरिंग करें व क्षेत्र का नियमित भ्रमण करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रतिमाह की 9 एवं 25 तारीख को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की मानीटरिंग की जाय ताकि इसका अधिक से अधिक आउटपुट निकले।
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जिलों के कलेक्टर खुद भ्रमण कर हालात की जानकारी लें
उप मुख्यमंत्री ने कलेक्टर्स से कहा की वह क्षेत्र का भ्रमण कर स्वास्थ्य सुविधाओं की
मानीटरिंग करें। क्लस्टर स्तर पर बैठकें आयोजित कर आने वाली कमियों को समन्वय व मानीटरिंग कर दूर करने का प्रयास करें। रीवा संभाग का वाट्सएप ग्रुप बनाकर स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति की नियमित जानकारी शेयर करने के भी निर्देश दिए। संभाग में समन्वित प्रयासों से शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में सफलता मिलेगी। इसकी लिए प्रतिमाह रिव्यू बैठक की जाएगी। जिन जिलों में कमियां होंगी उसमें सुधार के प्रयास होंगे।
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क्लस्टर स्तर पर की जाएंगी तैयारियां : संभागायुक्त
संभागायुक्त बीएस जामोद ने कहा कि क्लस्टर स्तर पर बैठकें कर स्वास्थ्य सुविधाओं की नियमित मानीटरिंग की जाएगी। साथ ही मैदानी अमला पूरी तरह अपने कार्य में मुस्तैद रहे। हाईरिस्क में गर्भवती महिला न पहुंचे इसलिए उसका शत प्रतिशत पंजीयन कराकर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि संभाग में हर स्तर पर समुचित ढंग से मानीटरिंग कर शिशु मृत्यु दर व मातृ मृत्यु दर में कमी लाई जाएगी।
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सतना कलेक्टर ने भी दिया सुझाव
बैठक में सतना कलेक्टर सतीश कुमार एस ने भी अपने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि शासन की हर तरह की योजनाएं हैं और सुविधाएं भी गांव तक मौजूद हैं। इन सबकी प्रापर मानीटरिंग नहीं हो पा रही है, जिसकी वजह से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं द्वारा पंजीयन कराने के बाद मानीटरिंग नहीं हो पाती जिससे स्वास्थ्य खराब होता है। समय पर टीकाकरण पर जोर देकर स्थितियों को सुधारा जा सकता है।