nविधानसभा चुनाव 2023–
n
nसीधी/सिंगरौली। समाजवादी पार्टी ने दो विधानसभा सीट के लिए अपने पत्ते खोल दिए हैं। सीधी जिले की धौहनी सीट पर विश्वनाथ सिंह मरकाम को प्रत्याशी घोषित किया है। जबकि, सिंगरौली जिले की चितरंगी सीट पर श्रवण कुमार सिंह गोड़ को मैदान में उतारा है। दोनों प्रत्याशियों ने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया। वर्तमान में दोनों सीट भाजपा के कब्जे में है।
n
nधौहनी विधानसभा क्षेत्र के सिंगरावन गांव निवासी विश्वनाथ सिंह मरकाम (55) ने 1999 में सपा का दामन थामा था। तब सपा की सदस्यता ग्रहण करने के 15 दिन बाद ही सपा सुप्रीमो ने उन्हें सीधी संसदीय सीट से लोकसभा का प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार दिया था।
nयह बात और रही कि उनको कोई खास सफलता नहीं मिली, फिर भी पार्टी के प्रति समर्पित भाव से जुटे रहे। बाद में सिंगरौली का जिलाध्यक्ष बनाया गया। लघुवनोपज संघ में बतौर सदस्य 15 साल तक काम करते रहे। आदिवासियों में इनकी पकड़ अच्छी बताई जा रही है। इस सीट पर भारतीय शक्ति चेतना पार्टी भी प्रत्याशी उतार चुकी है।
n———–
nसीधी और सिंगरौली में समाजवादी पार्टी का कोई खास प्रतिनिधित्व नहीं रहा है। फिर भी 2003 के विधानसभा चुनाव में पार्टी दोनों जिलों से एक-एक सीट पर जीतने में सफल रही। सीधी की गोपद बनास विधानसभा सीट से सपा ने कृष्णकुमार सिंह भंवर को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारा था। उनका प्रचार करने खुद मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह पहुंचे थे। नतीजा यह हुआ कि भाजपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर द्विवेदी को चुनाव हराकर २८६२६ मतों से सपा जीत गई। 2003 में ही सिंगरौली विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी बंशमणि वर्मा भी चुनाव जीतने में सफल रहे थे।
n———–
n
Sunday, March 16
Breaking News
- मऊगंज में दो हत्या के बाद तनाव, धारा 163 लागू, सीएम ने प्रभारी मंत्री और डीजीपी को भेजा
- पुलिस पर ग्रामीणों का हमला, एक पुलिसकर्मी की मौत से मचा बवाल
- महिला के प्यार में पागल पुलिस वाले ने पति को मारा चाकू
- तांत्रिक ने बच्चे के साथ की क्रूरता, लोगों का भड़का आक्रोश, पुलिस ने संभाला मोर्चा
- यहां होली का अलग ही आनंद, फूलों की पंखुड़ियों से खेलते हैं
- सरकारी डाक्टर का फरमान! दूसरे क्षेत्र के लोग हमारे अस्पताल नहीं आएं, मुख्यालय पहुंचा मामला
- लड़की की आवाज में लड़कों को फंसाता था युवक, स्कैनर भेज खाते में मंगवाता था रुपए
- आदिवासी महिला सरपंच की किसी ने नहीं सुनी तो धरने पर बैठी