मऊगंज। रीवा से अलग होकर मऊगंज जिला गठन के एक वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस बीच क्षेत्र के लोगों को नया जिला गठित होने से बड़ी राहत मिली है। पूर्व में जिला मुख्यालय रीवा में होता था तो कई किलोमीटर का सफर करना होता था लेकिन अब कलेक्टर-एसपी के पास शिकायत करने के लिए मऊगंज में ही सुविधा है।

एक ओर जहां नया जिला गठित होने से सुविधाएं बढ़ी हैं वहीं जिला गठित होने के एक वर्ष के बाद भी जरूरी संसाधन शासन की ओर से मुहैया नहीं कराया जा सका है। अन्य विभागों के कार्यालय नहीं खुल पाए हैं, जिसके चलते विभागीय कार्यों के लिए अब भी रीवा ही जिला मुख्यालय बना हुआ है। एक वर्ष के अंतराल में विभाग प्रमुखों एवं उनके स्टाफ के पदों की स्वीकृति तक नहीं मिल पाई है।

कलेक्टर और एसपी को छोड़कर अन्य सरकारी सुविधाएं अब भी ब्लाक स्तर के बराबर ही हैं। जिसकी वजह से खुद का जिला होने के बाद भी स्थानीय लोगों को अभी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। जिले के लोगों द्वारा लगातार इस संबंध में विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से मांग उठाई जा रही है कि पूर्ण जिले की तरह मऊगंज में भी सुविधाएं मिलें।

जिला मुख्यालय की अधूरी सड़क बनी समस्या
मऊगंज जिला मुख्यालय की मुख्य सड़क को जिला गठित होने के पहले ही बीते साल से निर्माण कराए जाने की प्रक्रिया शुरू है। सड़क के  दोनों हिस्सों में स्थित दुकानों को तोड़ा गया। जिससे व्यापारियों को भी समस्या हुई लेकिन स्थानीय व्यापारियों ने शहर के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रशासन के कहने पर खुद से ही अपने मकान तोड़वाए थे। अब जिला गठित होने के एक वर्ष के बाद भी सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका है जिसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं, साथ ही नाराजगी भी मन में है। इसके लिए कई बार ज्ञापन भी व्यापारियों एवं अन्य स्थानीय संगठनों द्वारा विधायक एवं कलेक्टर को सौंपा जा चुका है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि मॉडल रोड बनाए जाने का आश्वासन दिया गया था, अब तक सड़क और नाली का निर्माण नहीं हो पाया है। इस कारण आए दिन अधूरे निर्माण की वजह से लोग दुर्घटनाग्रस्त भी हो रहे हैं।

कई कार्यालय भी हो गए बंद
मऊगंज में जिला गठित होने के बाद नए कार्यालय खुलने की उम्मीद लोगों ने लगाई थी। इस बीच कई ऐसे कार्यालय जो वर्षों से संचालित हो रहे थे, वह बंद होकर रीवा में शिफ्ट हो गए हैं। कोषालय लंबे समय से संचालित हो रहा था लेकिन अब वह रीवा में शिफ्ट हो गया है। इसी तरह आरईएस और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारी रीवा में बैठने लगे हैं जिसकी वजह से जरूरत पर रीवा जाना पड़ रहा है। विधि कालेज के नए भवन में कलेक्टर और एसपी कार्यालय संचालित हो रहा है। मऊगंज में विधि की मान्यता भी समाप्त हो गई है, जिससे छात्रों को परेशानी हो रही है।

कलेक्ट्रेट भवन के साथ शहर के विकास का तैयार हो रहा प्रारूप
कलेक्ट्रेट और एसपी आफिस के लिए भवन बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। पहले पुनर्घनत्वीकरण योजना के तहत इनका निर्माण कराया जाना था लेकिन बीच शहर में बिडर को देने के लिए भूमि की कमी के कारण यह प्रोजेक्ट स्थगित कर दिया गया है और अब कहा गया है कि शासन की राशि से भवनों का निर्माण होगा। इसके लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार की जा रही है। साथ ही मऊगंज शहर को नए सिरे से विकसित करने की भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। आने वाले दिनों में मऊगंज तेजी से बढ़ता शहर नजर आएगा। अभी सारी व्यवस्थाएं एक ब्लाक मुख्यालय जैसी ही हैं।
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मऊगंज नया जिला है इसलिए यहां पर पूरा सेटअप प्राथमिक स्तर से तैयार कराना पड़ रहा है। एक साल पूरे हो रहे हैं, कामकाज का अच्छा रिस्पांस रहा है। यहां के लोग और जनप्रतिनिधियों में सकारात्मक तरीके से आगे बढऩे वाला व्यवहार है। इस कारण कम संसाधनों में भी ठीक काम चल रहा है। विभागों के पद स्वीकृत कर पोस्टिंग के लिए शासन को अवगत कराया है। औद्योगिक और पर्यटन के क्षेत्र में कार्ययोजना तैयार की जा रही है। शहर को भी नए सिरे से विकसित करना है, इसलिए आगे की योजना बनाई जा रही है। आने वाले दिनों में मऊगंज तेजी से बढ़ता जिला नजर आएगा।
अजय श्रीवास्तव, कलेक्टर मऊगंज

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