Thursday, September 19

रीवा। सहकारी समितियों में जमा किसानों की राशि खुर्दबुर्द किए जाने के बाद विरोध तेज हो गया है। मऊगंज जिले के पांच समितियों में 3355 किसानों की ओर से 10.61 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा कराई गई थी। अब यह राशि वापस नहीं लौटाई जा रही है, कहा जा रहा है कि राशि नहीं है। भाजपा के मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल इस मामले में मुखर हो गए हैं और प्रभावित लोगों के साथ देर शाम सहकारिता विभाग के कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक कोई निराकरण नहीं होगा वह नहीं जाएंगे, चाहे जितने दिन इसमें लग जाएं।

विधायक के देर शाम कार्यालय पहुंचने पर अधिकारियों के भी होश उड़ गए। सहकारिता की संयुक्त आयुक्त, उपायुक्त और सहकारी बैंक के सीईओ सहित अन्य अधिकारियों ने वस्तु स्थिति से अवगत कराया फिर भी वह देर रात तक बैठे रहे। जिसकी वजह से अधिकारियों को भी आफिस में ही रुकना पड़ा। विधायक के कार्यालय में बैठने की सूचना अधिकारियों ने भोपाल स्थित मुख्यालय को दी, जहां से अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके बाद भी विधायक मांगों पर अड़े रहे।

यह है मामला
मऊगंज जिले की 5 सेवा सहकारी समितियों द्वारा अमानतदारों से एफडी और बचत बैंक खाते में राशि जमा कराई गई थी। कई वर्ष पहले जमा कराई गई राशि की अब जरूरत होने पर लोग जब समितियों के पास पहुंचते हैं तो कहा जा रहा है कि पूर्व में ही उक्त राशि खर्च हो चुकी है। इसकी शिकायत लेकर सहकारी बैंक के सीईओ सहित सहकारिता के अधिकारियों और कलेक्टर से भी शिकायत हुई थी। अब तक समाधान नहीं हुआ है और पैसों के लिए लोग भटक रहे हैं। मऊगंज जिले के पांच समितियों जिसमें गौरी, हर्दी, हटवा, पटेहरा देवरा एवं टटिहरा आदि में राशि जमा कराई गई थी। अब कहा जा रहा है कि उक्त राशि वापस करने के लिए उपलब्ध नहीं है।

तीन सदस्यीय कमेटी का हो चुका है गठन
कुछ समय पहले ही यह मामला सामने आने के बाद मऊगंज कलेक्टर ने सहकारिता विभाग के आयुक्त को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने और प्रभावित अमानतदारों की राशि वापस करने के लिए कहा था। जिस पर सहकारिता की संयुक्त आयुक्त रीवा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। संबंधित समितियों से भी उनका पक्ष जाना जा रहा है। कहा गया है कि जांच पूरी होने के बाद ही वस्तु स्थिति स्पष्ट होगी।

गबन नहीं दूसरे मदों में खर्च
उपायुक्त सहकारिता द्वारा यह भी विधायक को बताया गया है कि समितियों में जमा अमानत राशि के संबंध में संबंधित पैक्स के शासकीय प्रशासकों (सहकारी निरीक्षक एवं उपअंकेक्षक) से परीक्षण कराया गया और यह पाया गया कि पैक्स द्वारा राशि का गबन नहीं किया गया है बल्कि इनके विभिन्न व्ययों एवं जिला बैंक की देनदारियों का भुगतान कर देने के कारण वर्तमान में अमानतदारों के भुगतान के लिए राशि उपलब्ध नहीं है।
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छोटी राशि वालों की पहले वापसी का प्रस्ताव
मऊगंज कलेक्टर द्वारा सहकारिता आयुक्त को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि 50 हजार से कम के 2680 अमानतदारों की कुल राशि रु. 2.18 करोड़ रुपए है। शासन से अनुदान उपलब्ध करा दिया जाए जिससे इनका भुगतान किया जा सकेगा। 50 हजार से अधिक राशि के 675 अमानतदारों का 8.44 करोड़ बकाया है। 50 हजार से कम राशि के अमानतदार सामान्यत: कमजोर आर्थिक स्थिति के छोटे किसान हैं जिनका भुगतान हो जाने पर बड़ी संख्या (2680) में किसानों की समस्या का हल हो सकेगा।
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मामले को ऐसे बिंदुवार समझें
– पांच समितियां गौरी, हर्दी, हटवा, पटेहरा देवरा एवं टटिहरा आदि में राशि जमा कराई गई थी।
– समितियों के बचत खाते में जमा राशि 5.34 करोड़, जिसमें 2732 अमानतदार शामिल हैं।
– समितियों के सावधि खाते में 623 अमानतदारों की जमा राशि 5.27 करोड़ रुपए।
– समितियों के पास जमा कुल राशि- 10.61 करोड़ रुपए।
– अमानतदारों के भुगतान के लिए समितियों के पास उपलब्ध राशि 4.43 करोड़।
– अमानतदारों को भुगतान के लिए 6.18 करोड़ रुपए की जरूरत है।
– 50 हजार रुपए तक के 2680 जमाकर्ताओं के 2.18 करोड़ जमा है।
– 50 हजार रुपए से अधिक राशि के 675 लोगों की 8.44 करोड़ रुपए जमा।

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मऊगंज जिले की पांच समितियों में एफडी एवं अन्य राशि जमा थी। जिसे दूसरे कार्यों में खर्च होने की बात सामने आ रही है। इसके संबंध में वरिष्ठ कार्यालय और विधायक जी को भी अवगत कराया गया है। कार्यालय में देर शाम विधायक जी की मौजूदगी की जानकारी से भी वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया है।
अशोक शुक्ला, उपायुक्त सहकारिता रीवा
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धरने जैसी कोई बात नहीं है, समितियों में किसानों का पैसा नहीं है। यह जानकारी प्राप्त हुई तो लोगों के साथ आया हूं। पैसे की व्यवस्था हो जाए तो चला जाऊंगा।

प्रदीप पटेल, विधायक भाजपा

 

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