रीवा। जिला पंचायत में लंबे समय से मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियमित पदस्थापना नहीं होने की वजह से प्रभावित हो रहे काम पर विरोध शुरू किया गया है। जिला पंचायत के सदस्य लालमणि त्रिपाठी ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। जिसका समर्थन कई अन्य सदस्यों ने भी किया है। साथ ही शहर के समाजसेवियों और सामाजिक संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है।
लालमणि त्रिपाठी ने बताया कि कई महीने से जिला पंचायत सीईओ का पद प्रभार की व्यवस्था में चल रहा है। जहां पर प्रभारी अधिकारी नहीं बैठ रहे हैं। इससे व्यवस्था बिगड़ गई है, जिला पंचायत में मनमानी चरम पर है। कामकाज प्रभावित हो रहा है। इस धरना प्रदर्शन को समर्थन देने जिला पंचायत सदस्य योगेन्द्र प्रताप सिंह, सुंदरिया आदिवासी, ममता राजा कुशवाहा, बृजेश कोरी, पुष्पा राकेश सिंह आदि भी पहुंचे और कहा कि पूर्णकालिक सीईओ की पदस्थापना होना चाहिए। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह, किसान नेता सुब्रतमणि त्रिपाठी, सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला, शिवानंद द्विवेदी, अनिल उपकारी, भास्कर कुशवाहा, गया प्रसाद शुक्ला, दलप्रताप सिंह, राजबहादुर सिंह, शेषमणि शुक्ला आदि ने भी धरने में बैठकर अपना समर्थन दिया।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रणव प्रताप सिंह ने भी मांगों को जायज बताया है। जिला पंचायत की प्रभारी सीईओ सपना त्रिपाठी ने अनशन समाप्त करने की अपील की लेकिन सदस्यों ने इंकार कर दिया और कहा है कि जिम्मेदार कोई आश्वासन देगा तभी अनशन समाप्त होगा। संयुक्त किसान मोर्चा के शिव सिंह ने कहा है कि रीवा और मऊगंज दो जिलों का संचालन हो रहा है, इसके बावजूद नियमित सीईओ नहीं है। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम के जिले का यह हाल है तो अन्य जगहों की स्थिति समझी जा सकती है।
—
रात में भी डटे रहे
आमरण अनशन पर बैठे सदस्य लालमणि त्रिपाठी को समर्थन देने के लिए रात में भी कई लोग जिला पंचायत में डटे रहे। इसमें कुछ महिला सदस्य भी शामिल हैं। लालमणि ने कहा है कि यह जिले के विकास से जुड़ा मामला है। सरकार उदासीन बनी हुई है।
— —-