रीवा. कृषि विकास की संभागीय समीक्षा बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा ने संभाग में मोटे अनाज की खेती पर जोर दिया।  कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि रीवा संभाग की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार खेती है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन होता है। इसलिए कलेक्टर सही कार्ययोजना बनाकर खेती का विकास करें। संभाग में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाएं और ऐसी फसलों को बढ़ावा दें। इस बैठक को लेकर रीवा में कई पीएस और छह जिलों के कलेक्टर सहित अन्य अ​धिकारियों का जमावड़ा रहा।

———————————

मिट्टी परीक्षण की प्रयोगशालाओं को सक्रिय करें

कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि जिले की प्रमुख कृषि उपज मंडी को आधुनिक बनाकर ई मण्डी की सुविधा किसानों को दें। संभाग में जिला और विकासखंड स्तर पर मिट्टी परीक्षण की सभी प्रयोगशालाओं को सक्रिय करें। मिट्टी में मुख्य रूप से जिंक, सल्फर जैसे पोषक तत्वों की कमी है। इनका उपयोग बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं। कृषि वैज्ञानिक संभाग की मिट्टी, पानी और तापमान के अनुकूल फसलों तथा फसल तकनीकों की जानकारी किसानों तक पहुंचाएं। संभाग में कोदौ, कुटकी, अरहर, जौ, मक्का, सरसों, रामतिल की फसलों को बढ़ावा दें। बैठक में सहकारी बैंकों की आर्थिक स्थिति में सुधार, जैविक कीट नियंत्रण, इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम तथा स्केल ऑफ फाइनेंस की समीक्षा की गई।

———————————

जिले की एक मंडी होगी हाइटेक, ऑटोमेटिक पैकिंग प्लांट लगेंगे

अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल ने कहा कि खेती विकास के लिए सही कार्ययोजना तैयार करें। कार्ययोजना में सिंचाई के विकास, कृषि यंत्रीकरण, अधिक उत्पादन देने वाले बीजों का उपयोग, किसानों को सरलता से ऋण उपलब्धता, समर्थन मूल्य पर उपार्जन तथा फसल बीमा की सुरक्षा को शामिल करें। जिले की एक मंडी को हाईटेक बनाकर उसमें अनाजों की आधुनिक तरीके से सफाई तथा ऑटोमेटिक पैकिंग का प्लांट लगवाएं। किसानों को कैशलेस भुगतान की व्यवस्था करें। सभी कलेक्टर साप्ताहिक टीएल बैठक में इसकी समीक्षा करें।

———————-

रीवा संभाग में सब्जी और फल उत्पादन

कृषि उत्पादन आयुक्त मिश्रा ने कहा कि रीवा संभाग में फल और सब्जी उत्पादन में बहुत अच्छा कार्य हुआ है। संभाग प्रदेश में सब्जी उत्पादन में दूसरे तथा फल उत्पादन में तीसरे स्थान पर है। अनाज के बाद फल-सब्जी उत्पादन किसानों को सर्वाधिक आय और रोजगार के अवसर दे रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव सहकारिता दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव कृषि एम सेलवेन्द्रन, कमिश्नर रीवा गोपाल चंद्र डाड, कलेक्टर प्रतिभा पाल, कलेक्टर सीधी स्वरोचिष सोमवंशी, कलेक्टर सिंगरौली चन्द्रशेखर शुक्ला, कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव, कलेक्टर मैहर रानी बाटड, प्रभारी कलेक्टर सतना स्वप्निल वानखेड़े, कृषि विभाग के अधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

———————-

बैठक में खास-खास

– रीवा संभाग में पिछले 10 वर्षों में सिंचाई के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई

– संभाग में कुपोषण का मुख्य कारण फसलों में आयरन की कमी है। इसे माइक्रो न्यूट्रियंस के उपयोग से दूर किया जा सकता है।

– जमीन, फसल तथा किसान की रजिस्ट्री कराकर एग्री स्टेक की व्यवस्था करें। इसके लागू होते ही किसान को 15 मिनट में किसान क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा।

– मिलेट मिशन में कोदों और कुटकी पर किसान को 10 रुपए प्रति किलो अतिरिक्त राशि दी जा रही है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करें।

– सुपर सीडर और हैपी सीडर जैसे कृषि उपकरणों के उपयोग से नरवाई की समस्या का समाधान होने के साथ फसल की बोवनी में 15 दिन की बचत होगी।

Share.
Leave A Reply