Friday, February 7

Mission Life Environment Rewa

रीवा। शहर में अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण में जनसहभागिता जोडऩे के लिए वन विभाग ने मिशन लाइफ के तहत नया अभियान चलाने की तैयारी की है। इसमें पहले चरण में स्कूल-कालेजों के छात्रों को जोड़ा जाएगा। वन विभाग ऐसे छात्रों को नि:शुल्क पौधे उपलब्ध कराएगा जो यह आश्वासन देंगे कि वह पौधों की देखभाल स्वयं करेंगे और रीवा के बेहतर पर्यावरण में अपना सहयोग देंगे। वन विभाग द्वारा वन महोत्सव (1-7 जुलाई) के दौरान आरोग्य रीवा अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत, रीवा के सभी कॉलेज एवं स्कूल के छात्रों को एक औषधीय या फलदार पौधे नि:शुल्क वितरण करने की योजना बनाई गई है।

यह अभियान चलाने के पीछे 3 मुख्य उद्देश्य बताए गए हैं। जिसमें प्रकृति के प्रति सक्रियता को शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाना। रीवा की युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक करना। पोषक फल और औषधियां देने वाले पौधों को बच्चों के माध्यम से हर घर में पहुंचाना, जो प्रिवेंटिव हेल्थकेयर की दिशा में एक कदम रहेगा। इस योजना के बारे में शहर के शिक्षण संस्थानों को सूचित किया जा रहा है। शुरुआत करते ही अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के पर्यावरण जीवविज्ञान विभाग, बिलाबांग स्कूल चोरहटा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मणपुर रीवा ने अभियान से जुडऩे की इच्छा जाहिर की है।

पौधे देने के लिए दो शर्तें निर्धारित
वन विभाग ने पौधों का वितरण करने के लिए दो शर्तें निर्धारित की है, ताकि पौधों की देखभाल भी सही तरीके से हो और उसका फीडबैक भी मिलता रहे। योजना से जुडऩे में इच्छुक छात्रों के मूल्यांकन में उनको वितरित पौधे की जीवितता, बढ़त और देखभाल को शामिल करना होगा। इसके लिए स्कूल-कॉलेज को योजना तैयार कर 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस से पहले रीवा वन विभाग को सूचित करना होगा। साथ ही पौधा प्राप्त करने से पहले बच्चों को मिशन लाइफ की किसी भी एक गतिविधि करते हुए फोटो प्राचार्य के माध्यम से रीवा वन विभाग को वाट्सएप करनी होगी। मिशन लाइफ की 20 सरल गतिविधियों की सूची भी जारी की गई है।

इन पौधों का होगा वितरण
वन विभाग ने शहर में जिन प्रमुख पौधों के वितरण की योजना बनाई है उसमें फलदार पौधों में आंवला, आम, जामुन, अमरूद, सीताफल, बेल, मुनगा आदि। औषधीय पौधों में नीम, अश्वगंधा, गिलोय, सोमवल्ली, ब्राह्मी, शतावरी, दहिमान आदि शामिल हैं।
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मिशन लाइफ की इन गतिविधियों से जोड़ेंगे
वन विभाग ने मिशन लाइफ के तहत 20 तरह की गतिविधियों से जोडऩे की तैयारी की है। कहा है कि गतिविधि से जुड़ी फोटो विभाग को उपलब्ध करानी होगी।

इसमें प्रमुख रूप से एक पौधा रोपण करें, या एक पौधा गोद लें और उसकी देखभाल करें।

कम दूरी की यात्रा के लिए पैदल चलें या साइकिल का उपयोग करें। उपयोग में न होने पर उपकरण (लाइट, पंखा) बंद कर दें।

पीने के पानी को ठंडा करने के लिए रेफ्रिजरेटर के बजाय मिट्टी के घड़े का प्रयोग करें।

पानी की बर्बादी को कम करने के लिए नलों और पाइपों में लीकेज की मरम्मत या उसे ठीक करें।

पानी बचाने के लिए नहाने के लिए शॉवर की जगह बाल्टी का इस्तेमाल करें।

एसी या आरओ से निकले पानी का बर्तन साफ करने या पौधों को पानी देने के लिए पुन: उपयोग करें।

खरीददारी के दौरान प्लास्टिक डिस्पोजेबल बैग की जगह कपड़े के थैले का इस्तेमाल करें।

डिस्पोजेबल प्लास्टिक बॉटल का उपयोग नहीं करें। सिंगल यूज प्लास्टिक से दूरी बनाएं।

कचरा सार्वजनिक स्थानों पर नहीं, कूड़ेदान या डंपिंग स्थल पर फेंके।

तालाबों, नदी-तटों और सार्वजनिक स्थानों की सफार्ई अभियान में भाग लें।

घरों में सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करें। घर पर किचेन वेस्ट से खाद बनाएं।

पुराने कपड़े और किताबें ज़रूरतमंद को दान करें। घर के बाहर पक्षियों के लिए जल-फीडर स्थापित करें।

पालतू तोते या कछुए को प्राकृतिक आवास में मुक्त करें। आम, सीताफल, जामुन जैसे फलों के बेकार बीज इक_ा करें, और उपयुक्त स्थान पर रोपित करें।

स्कूल-कॉलेज या घर में किचन गार्डन या टेरेस गार्डन बनाने आदि की गतिविधि से जोडऩे की तैयारी है।

पौधे देने से पहले छात्रों से देखभाल का वचन पत्र भी लिया जाएगा।
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शहर में अधिक संख्या में पौधरोपण और उसकी देखभाल के लिए योजना बनाई गई है। इसमें छात्रों को इसलिए जोड़ा जा रहा है कि वह पर्यावरणीय गतिविधि में अपनी सहभागिता दे सकें। संस्थानों से भी चर्चा कर रहे हैं कि ऐसा काम करने वाले छात्रों को अलग से प्रोत्साहन मिले।
अनुपम शर्मा, वन मंडलाधिकारी रीवा

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