अमरकंटक । पद्मभूषण से सम्मानित संत त्रिदंडी श्रीमन्नारायण रामानुज चिन्ना जीयर स्वामी (jeear swami) ने अमरकंटक (Amarkantak) प्रवास के दौरान “नर्मदा –संस्कृति और इतिहास” शोध ग्रंथ का विमोचन किया। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित भव्य कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्विद्यालय के विद्वान कुलपति प्रो प्रकाशमणि त्रिपाठी (PrakashMani Tripathi)  ने की जबकि अतिथि के रूप में पुस्तक के लेखक मनीष मिश्रा (Manish Mishra) उपस्थित रहे ।

देश की हृदय रेखा , मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा एवं रीवर ऑफ ज्वाय जैसे अलंकारों से अलंकृत नर्मदा को प्राचीन धर्म ग्रंथों ने शिव पुत्री अथवा शिव की इला नाम शक्ति के रूप में मान्यता दी है। बावजूद इसके नर्मदा पर जानकारियां बिखरी हुई मिलती है ।

भारत के सबसे पुराने और बड़े प्रकाशक मोतीलाल बनारसीदास पब्लिकेशन , दिल्ली ( motilal banarsidass publishing house) के विद्वान आरपी जैन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में नर्मदा और नर्मदांचल से जुड़े सभी प्रमुख विषयों पर संक्षिप्त और सारगर्भित अध्ययन किया गया है।

यह पुस्तक प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले छात्रों के साथ ही शोधकर्ताओं , साहित्यकारों , इतिहासकारों और धार्मिक ग्रंथों में रुचि रखने वालों के लिए लाभकारी हो सकती है ।

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