Thursday, September 19

रीवा। जिले के त्योथर कॉलेज से एलएलबी का कोर्स करने के बाद भी छात्रों का अधिवक्ता के तौर पर नामांकन नहीं हुआ। जिसकी वजह से छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। कोर्ट ने संबंधित जिम्मेदारों से चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा अधिवक्ता के तौर पर नामांकन न करने के विरुद्ध शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय त्योथर से एलएलबी पास छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर में मुख्य न्यायाधिपति रवि मलिमथ, न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता नित्यानंद मिश्र को सुनने के बाद नोटिस जारी किया है। जिसमें मध्य प्रदेश शासन, बार काउंसिल आफ इंडिया, मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और प्राचार्य स्वामी विवेकानंद कॉलेज त्योथर को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है।

शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय त्योंथर से जून 2023 में विधि स्नातक परीक्षा पास करने के बाद जब याचिकाकर्ता छात्रों आनंद प्रकाश द्विवेदी, प्रभात कुमार तिवारी, नीरज सिंह ,जितेंद्र कुमार शर्मा द्वारा मध्य प्रदेश राज्याधिवक्ता परिषद में अधिवक्ता बनने के लिए नामांकन का आवेदन दिया गया तो छात्रों का आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया की संबंधित महाविद्यालय जहां से छात्रों द्वारा एलएलबी की डिग्री प्राप्त की गई है, उस महाविद्यालय का नाम बार काउंसिल आफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों की सूची से हटा दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि रीवा संभाग में संचालित शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय त्योंथर की 2019, रीवा विश्वविद्यालय में संचालित 5 वर्षीय बीएलएलबी कोर्स की 2007, शासकीय शहीद केदारनाथ महाविद्यालय, मऊगंज की 2011 से, नेहरू स्मारक महाविद्यालय चाकघाट की 2012 से, ईश्वरचंद महाविद्यालय जवा की 2015 से संबद्धता नवीनीकरण फीस न जमा करने और बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इंस्पेक्शन न करवाने के कारण, बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा इन कॉलेजों को मान्यता प्राप्त कॉलेजों की सूची से हटा दिया है। जिसके कारण मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा इन कॉलेजों से पास छात्रों का अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण रोक दिया गया है।

जिस पर छात्रों द्वारा यह याचिका दायर की गई है। छात्रों का तर्क है कि छात्रों को उच्च शिक्षा विभाग उच्च शिक्षा विभाग द्वारा केंद्रीकृत काउंसलिंग के माध्यम से संबंधित संबंधित कॉलेज का आवंटन हुआ था जहां से छात्रों द्वारा नियमित छात्र के तौर पर परीक्षा उत्तीर्ण की गई , अब परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

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