Saturday, January 18

रीवा। भाजपा के सदस्यता अभियान में रीवा जिले में दिलाई गई एक सदस्यता विवादों में आ गई है। गंगेव जनपद पंचायत के अध्यक्ष विकास तिवारी को भाजपा में ज्वाइन कराने का त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी विरोध कर रहे थे। सांसद जनार्दन मिश्रा ज्वाइन कराने की जिद पर अड़े थे। इसी बात को लेकर सांसद और विधायक के बीच तकरार भी बढ़ी थी। जिसकी वजह से सांसद ने भाजपा की सदस्यता दिलवा दी है।
इसके साथ ही अब विकास तिवारी पर पूर्व से लगाए गए करोड़ों के आरोपों से जुड़ा मुद्दा फिर चर्चा में आ गया है। वह अल्प आय वर्ग गृह निर्माण सोसायटी के अध्यक्ष रहे हैं।
शहर के अल्प आय वर्ग गृह निर्माण सोसायटी के विरुद्ध पूर्व से लंबित शिकायतों पर कार्रवाई नहीं होने पर एक बार फिर शिकायत की गई है। पूर्व की शिकायतों का हवाला देते हुए करोड़ों की आर्थिक अनियमितता पर जांच कराए जाने की मांग उठाई गई है। एक साथ करीब दर्जनभर से अधिक स्थानों पर शिकायत की प्रति भेजी गई है।

गंगेव जनपद के पूर्व उपाध्यक्ष संजय पांडेय ने बताया कि इस मामले में प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश के सहकारिता मंत्री, अपर मुख्य सचिव सहकारिता, प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, लोकायुक्त, आयुक्त एवं पंजीयन सहकारी संस्थाएं भोपाल, संभागायुक्त, कलेक्टर एवं रीवा के संयुक्त पंजीयक सहकारिता को पत्र दिया गया है। पांडेय ने बताया कि गृह निर्माण सोसायटी के तत्कालीन अध्यक्ष विकास तिवारी ने एक ही राजस्व ग्राम की लगी हुई जमीन में से कुछ रखवा अपनी पत्नी के नाम 25 लख रुपए एकड़ के दर से रजिस्ट्री कराया और उसी दिनांक को उसी से लगी हुई जमीन को समिति के नाम एक करोड़ २५ लाख के दर से रजिस्ट्री कराया गया है। जिसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया। वरिष्ठता के आधार पर प्लाटों का आवंटन न करके नए सदस्यों को नियम विरुद्ध तरीके से बाजार मूल्य में प्लाट दिए गए।

समिति जिस जगह में प्लाट आवंटित किया उसका बाजार मूल्य 5000 रुपए से ज्यादा है लेकिन समिति का दर 20 रुपए प्रति वर्ग फीट निर्धारित कर रजिस्ट्री कराई जाती है एवं सदस्यों से बाजार मूल्य से पैसे वसूले जाते हैं। ग्राम एवं नगर निवेश और नगर निगम रीवा से नक्शा स्वीकृति का अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं है, बिना नक्शा के ले आउट प्लाटों का आवंटन किया जा रहा है। जिससे आने वाले समय में प्लाटधारियों को समस्या होगी।

कई वर्षों से समिति की ऑडिट नहीं कराई गई है। कई लोगों को पूर्व में आवंटित प्लाट छीन लिए गए हैं, जिससे वह दर-दर भटक रहे हैं। शहर से लगे बरा, रतहरी और भुंडहा में भूमि सस्ते दर से खरीदी गई जिसमें ५० गुना मूल्य दिखाया गया और करोड़ों का भ्रष्टाचार किया गया जिसकी शिकायतें जांच के लिए लंबित हैं। एनजीटी और रेरा के नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। पूर्व में मनगवां के तत्कालीन विधायक पंचूलाल ने भी इस अनियमितता की जांच की मांग विधानसभा मेें उठाई थी। शुरुआत में नोटिस जारी की गई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

शिकायतकर्ता संजय पांडेय ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार को दबाने के लिए सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष विकास तिवारी ने सांसद के हाथों सत्ताधारी दल भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। जिसके बाद से अब जांच प्रक्रिया और धीमी होने लगी है। इन आरोपों पर पूर्व सोसायटी अध्यक्ष विकास तिवारी का भी पक्ष लेने का प्रयास किया गया लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
———

Share.
Leave A Reply