रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन के लिए 19 फरवरी को टीम पहुंचेगी। यहां तीन दिन तक सभी विभागों की व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया जाएगा। इसी के आधार पर नैक द्वारा ग्रेडिंग दी जाएगी। पिछली बार की तुलना में इस बार कई संसाधन बढ़े हैं जिसके चलते विश्वविद्यालय का दावा मजबूत है। टीम आने से पहले ही नैक की ओर से छात्रों से आनलाइन माध्यमों से फीडबैक लिया जा चुका है। इसके लिए 200 अंक निर्धारित थे जिसमें 184 अंक विश्वविद्यालय को मिले हैं। इससे दावा मजबूत हुआ है कि विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण से जुड़ी व्यवस्थाओं से छात्रों में संतुष्टि है।

हर विभाग का अलग-अलग निरीक्षण होना है, इसी कारण तीन दिन का समय दिया गया है। नैक की ओर से सात मानक ग्रेडिंग के लिए निर्धारित किए गए हैं। इन्हीं के अनुरूप व्यवस्थाएं की गई हैं, बीते करीब महीने भर से विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव सहित सभी विभागाध्यक्ष और अधिकारी-कर्मचारी तैयारियों में जुटे रहे हैं।

मूल्यांकन के लिए नैक द्वारा निर्धारित सभी सातों मानकों में 85 बिन्दुओं के सवाल हैं जिनके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। इस बार सर्वे में कई बदलाव भी हुए हैं। जिसमें चार हजार अंकों का कुल मूल्यांकन होना है। कुलपति ने सभी विभागाध्यक्षों से कहा है कि 19 फरवरी से लेकर 21 फरवरी के बीच में सामान्य रूप से अवकाश कोई नहीं लें और तैयारियों के सभी मानकों का पहले ही परीक्षण कर पूरा कराएं। विश्वविद्यालय परिसर के छात्रों ने पेंटिंग से सजाया है। सफेद बाघ एवं अन्य चित्र पत्थरों एवं दीवारों पर बनाए गए हैं।

आठ वर्ष बाद नैक की टीम आएगी रीवा
इसके पहले वर्ष 2016 में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का मूल्यांकन करने के लिए नैक की टीम आई थी जिसके बाद बी प्लस ग्रेड प्राप्त हुआ था। इस बार विश्वविद्यालय प्रबंधन का दावा है कि जिस गति से तैयारियां बढ़ी हैं उससे ए या फिर ए प्लस ग्रेड हासिल हो सकती है। सबसे बड़ी अड़चन शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आती रही है, जिसे कुछ दिन पहले ही पूरा किया गया है और नए शिक्षकों ने पढ़ाना भी शुरू कर दिया है। हाल ही में छात्रों की शिकायतों को सुनने के लिए लोकपाल की नियुक्ति भी कर दी गई है। नैक द्वारा हर पांच साल में ग्रेडिंग देने का प्रावधान है लेकिन कोरोना काल की वजह से इसमें विलंब हुआ है।

एसएसआर में ही अधिक अंक मिलेंगे
विश्वविद्यालय ने नैक को मूल्यांकन के पहले सेल्फ स्टडी रिपोर्ट(एसएसआर) भेजा है। जिसमें दस्तावेजी तौर पर निर्धारित मानकों के अनुसार दावे किए गए हैं। इन्हीं का सत्यापन किया जाना है। इसके पहले छात्रों से आनलाइन ही सवाल किए गए थे और विश्वविद्यालय की शिक्षण एवं अन्य व्यवस्थाओं के प्रति उनकी संतुष्टि के बारे में पूछा गया था। बताया गया है कि ४००० अंकों के मूल्यांकन में ३२०० अंक डाक्यूमेंटेशन के हैं , इसमें छात्रों की ओर से दिया गया फीडबैक भी शामिल है। डायरेक्ट आब्जर्वेशन के लिए आने वाली टीम करीब ८०० व्यवस्था देखने के बाद देगी।

इन प्रमुख मानकों पर नैक का होना है मूल्यांकन
१- पाठ्यक्रम का स्वरूप — इसमें पाठ्यक्रमों की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें देखा जाएगा कि विश्वविद्यालय में किस तरह से इसका निर्धारण किया गया है। इसमें पाठ्यक्रम के डिजाइन और विकास, पाठ्यचर्या योजना और कार्यान्वयन, शैक्षणिक लचीलापन, संवर्धन, फीडबैक प्रणाली आदि को शामिल किया गया है।
२ – शैक्षणिक कार्य और मूल्यांकन– संस्था की नियमित शैक्षणिक गतिविधियों, शिक्षण-सीखने की प्रक्रियाएं, छात्रों के परिणाम आदि की स्थिति का मूल्यांकन होगा। इसमें छात्र नामांकन और प्रोफाइल, छात्र विविधता, शिक्षक गुणवत्ता, मूल्यांकन प्रक्रिया और सुधार, छात्र प्रदर्शन और सीखने के परिणाम आदि भी देखे जाएंगे।
3- रिसर्च और एनोवेशन– इसमें अकादमिक अनुसंधान , उद्योग और अध्ययन के क्षेत्र के लिए संस्थान की ओर से विस्तारित परामर्श सेवाओं और विस्तार के बारे में जानकारी ली जाएगी। शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय द्वारा किए जाने वाले नवाचार के आधार पर भी अंक मिलेंगे।
4- बुनियादी ढांचा — भौतिक शैक्षणिक सुविधाओं और सहायता प्रणाली का आंकलन होगा। कक्षाएं, प्रयोगशालाएं, प्रौद्योगिकी, शारीरिक फिटनेस और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए सुविधाएं, उचित और पर्याप्त संदर्भ सामग्री के साथ ही छात्रावास, खेल के मैदान, इंटरनेट वाईफाई, आपातकालीन चिकित्सा, परिसर में ग्रीनरी सहित अन्य सुविधाएं देखी जाएंगी।
5- छात्र समर्थन और प्रगति– इसमें यह देखा जाएगा कि संस्थान के पक्ष में छात्रों का समर्थन कितना है। शिक्षा के विभिन्न पहलुओं और उनके अध्ययन के क्षेत्र में छात्रों को सलाह देने और मार्गदर्शन प्रदान करने में विश्वविद्यालय की भूमिका देखी जाएगी। छात्रों का भविष्य बनाने में योगदान भी देखा जाएगा।
6- प्रशासन और प्रबंधन- विश्वविद्यालय के प्रशासन और आंतरिक प्रबंधन की स्थिति देखी जाएगी। आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन, संकाय सशक्तिकरण, वित्तीय संसाधन प्रबंधन, रणनीति विकास, संस्थागत दृष्टि और नेतृत्व, रणनीति विकास और तैनाती, संकाय सशक्तिकरण रणनीतियां, वित्तीय प्रबंधन और संसाधन आदि का मूल्यांकन होगा।
7 – नवाचार — विश्वविद्यालय द्वारा नवाचार के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी ली जाएगी। हरित, पर्यावरण-अनुकूल परिसर की दिशा में संस्थान का दृष्टिकोण, संस्था में ऊर्जा संरक्षण, नए विचारों का क्रियान्वयन, छात्रों के व्यक्तित्व विकास के लिए किए गए प्रयासों को भी देखा जाएगा।
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नैक मूल्यांकन के लिए सात क्राइटेरिया जो निर्धारित किए गए हैं, उनके अनुसार ही तैयारियां की गई हैं। तीन दिन तक नैक की टीम हमारी व्यवस्थाओं का परीक्षण करेगी। विश्वविद्यालय ने सभी जरूरी मानकों को पूरा करने का प्रयास किया है। इस बार अच्छी ग्रेडिंग रीवा को मिलने की उम्मीद है।
डॉ. अतुल पांडेय, नोडल अधिकारी नैक मूल्यांकन एपीएसयू

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