रीवा। नशा मुक्ति का आंदोलन चला रहे सामाजिक कार्यकर्ता सुजीत द्विवेदी ने अब ऐसे मौके पर लोगों को नशा नहीं करने की शपथ दिलवा दी है जो चर्चा में है। सुजीत की मां कौशिल्या द्विवेदी का निधन हो गया। जिनका अंतिम संस्कार गृह ग्राम गंगहरा में किया। वहां पर रिश्तेदारों के साथ ही गांव एवं आसपास के लोग भी शामिल हुए। इस दौरान सुजीत ने अंतिम संस्कार में आए लोगों के सामने प्रस्ताव रखा कि यह ऐसा समय है जब हर किसी को जीवन के असली सत्य का आभाष होता है। इस कारण वह चाहते हैं कि इस अंतिम संस्कार के साथ ही सभी लोग एक संकल्प भी लें, ताकि वह स्वयं और समाज को नशामुक्ति के संकल्प से बचा सकें। सुजीत के इस प्रस्ताव का लोगों ने स्वागत किया और वहां पर मौजूद लोगों ने शपथ लिया कि वह खुद किसी तरह का नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे कि वह नशा नहीं करें।

अंतिम संस्कार के मौके पर इस तरह की यह पहली शपथ है। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस पर लोगों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, अधिकांश लोग इस प्रयास की सराहना भी कर रहे हैं। बता दें कि सुजीत द्विवेदी करीब 25 वर्षों से नशा मुक्ति के लिए आवाज उठा रहे हैं। लोगों को संदेश देने के लिए उन्होंने ऊपरी वस्त्रों का भी त्याग कर रखा है और हर समय में बिना ऊपरी वस्त्रों के ही रहते हैं। समय-समय पर अलग तरह के कार्यक्रमों के जरिए भी संदेश देते हैं। पैदल यात्राएं, लोगों के जूतों में पालिश कर नशा मुक्ति का संकल्प भी दिलाते रहे हैं।

– बेटी की विवाह में भी इस तरह की शपथ दिलाई थी
सुजीत द्विवेदी की बेटी का विवाह कुछ समय पहले ही संपन्न हुआ है। उन्होंने बारात में आने वालों से शर्त रखी थी कि वह किसी तरह से नशा नहीं करेंगे। इतना ही नहीं ससुराल रवाना होने से पहले उनकी बेटी ने भी लोगों से संकल्प लिया कि वह नशा नहीं करेंगे। वहां पर मौजूद ससुराल पक्ष के लोगों ने सामूहिक रूप से शपथ लिया था कि वह नशा नहीं करेंगे।
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