मऊगंज। मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गडऱा गांव में एक स्थानीय युवक की हत्या के बाद भड़के आक्रोश में एक पुलिसकर्मी की भी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में प्रभारी मंत्री, मध्यप्रदेश के डीजीपी सहित तमाम बड़े अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया है।
अब इस मामले में कई संदेही पुलिस की पकड़ में आए हैं, जिनसे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।  गडरा गांव में हुई घटना की साजिश का बीज एक पत्रकार के मोबाइल में मिला। वह घटना के समय मौके पर मौजूद था। उसके मोबाइल में कई वीडियो मिले जिसने इस घटना की परते खोल कर रख दी। पहाड़ी का गांव का रहने वाला पत्रकार मो रफीक घटना के पूर्व वहां मौजूद था और वह इस बात की जानकारी दे रहा था कि आज पुलिस की होली है और अच्छा मौका है। घर में बंधक बने युवक को कुछ लोग मार रहे थे और वह लाइव वीडियो बना रहा था। बंधक युवक ने बोल रहा था कि वह छूट कर जाएगा तो तुमको बताया तभी आरोपियों ने बोला कि जब यहां से छूट के जाओगे तब न बताओगे। आरोपी पहले से ही उसकी हत्या की तैयारी कर चुके थे। इतना ही नहीं हमले के लिए उकसाने में सरपंच और पूर्व सरपंच का भी योगदान सामने आया है जो उसे वीडियो में कैद हुए हैं। पुलिस ने पत्रकार सहित सरपंच और पूर्व सरपंच को भी हिरासत में ले लिया है। वही उसके मोबाइल में मिले वीडियो के आधार पर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। आरोपियों ने जानबुझ कर ऐसा दिन चुना था जिस दिन पुलिस का त्यौहार था और अधिकांश पुलिसकर्मी होली खेलने में व्यस्त थे।
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mauganj police

मध्यप्रदेश पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने सोमवार को पवैया गांव पहुंचकर शहीद एएसआई रामचरण गौतम को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। डीजीपी ने परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर उनकी जरूरतों की जानकारी ली और आश्वासन दिया कि सरकार और पुलिस विभाग उनके साथ खड़ा है। डीजीपी श्री मकवाना ने शहीद की पत्नी पुष्पा गौतम से भेंट कर हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने शहीद के बेटों से उनकी शिक्षा संबंधी जानकारी ली और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के आश्वासन को दोहराया। इसके अलावा, उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित एक करोड़ रुपये की श्रद्धा निधि की भी जानकारी दी। गौरतलब है कि मऊगंज जिले के गडरा गांव में हुई हिंसा के दौरान 25वीं बटालियन, भोपाल के एएसआई रामचरण गौतम शहीद हो गए थे। रविवार को उनके पैतृक गांव पवैया में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। प्रदेश सरकार ने कर्तव्यपालन के दौरान प्राण न्योछावर करने वाले एएसआई रामचरण गौतम को शहीद का दर्जा दिया है। मुख्यमंत्री ने उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सहायता की घोषणा की थी। डीजीपी ने अपनी यात्रा के दौरान इन्हीं आश्वासनों को दोहराते हुए शहीद एएसआई को पुलिस विभाग की शान बताया।

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