रीवा। मऊगंज जिले की पांच सहकारी समितियों द्वारा संचालित बचत बैंक के अमानतदारों की राशि गायब होने के मामले में रिपोर्ट तलब की गई है। सहकारिता विभाग के पंजीयक ने रीवा के संयुक्त आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि अब तक हुई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रीवा की शाखा पहाड़ी (मऊगंज) के अंतरगत आने वाली प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियो के अमानतदारों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके द्वारा जमा की गई राशि न तो समिति के लोगों द्वारा बताई जा रही है और न ही बैंक में पता चल रही है। इस पर भोपाल मुख्यालय से एक जांच टीम गठित की गई थी। जिसमें मऊगंज जिले की 5 पैक्स (गौरी, हर्दी, हटवा, पटेहरा एवं देवरा) में भुगतान के लिए राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण अमानतदारों को उनकी जमा राशि का भुगतान नहीं हो पाने के कारण प्रकरण की जांच कराने का आदेश जारी हुआ था।

जांच दल को निर्देशित किया गया था कि दोषियों को चिन्हित कर उनसे राशि की वसूली के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा गया था। अब तक रीवा-मऊगंज के अधिकारियों ने किसी तरह की कार्रवाई कर प्रतिवेदन नहीं भेजा है। जिसके चलते कहा गया है कि उक्त प्रकरण में जो भी वर्तमान स्थिति हो उससे अवगत कराया जाए।

– विधायक के धरने के चलते मामला सुर्खियों में
पहाड़ी शाखा की पांच समितियों से अमानतदारों की राशि गायब होने के मामले में मऊगंज के विधायक प्रदीप पटेल ने कई अमानतदारों को लेकर रात्रि में ही धरना दिया था। जिसके चलते यह मामला सुर्खियों में आया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विधायक ने धरना स्थगित किया था और रीवा एवं मऊगंज कलेक्टर मौके पर पहुंचे थे। विधायक को आश्वासन दिया गया था कि राशि कहां है यह पता लगाया जाएगा और जांच में दोषी पाए जाने पर जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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3355 किसानों की दस करोड़ से अधिक राशि गायब
मऊगंज जिले के पांच समितियों में 3355 किसानों की ओर से 10.61 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा कराई गई थी। अब यह राशि वापस नहीं लौटाई जा रही है, कहा जा रहा है कि समिति और बैंक के पास राशि नहीं है। कुछ समय पहले मऊगंज कलेक्टर ने सहकारिता आयुक्त को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि 50 हजार से कम के 2680 अमानतदारों की कुल राशि रु. 2.18 करोड़ रुपए है। शासन से अनुदान उपलब्ध करा दिया जाए जिससे इनका भुगतान किया जा सकेगा। 50 हजार से अधिक राशि के 675 अमानतदारों का 8.44 करोड़ बकाया है। 50 हजार से कम राशि के अमानतदार सामान्यत: कमजोर आर्थिक स्थिति के छोटे किसान हैं जिनका भुगतान हो जाने पर बड़ी संख्या (2680) में किसानों की समस्या का हल हो सकेगा। अब तक भुगतान नहीं हुआ है।
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