रीवा। शहर में विचरण करने वाले आवारा मवेशियों पर नियंत्रण करने के लिए शासन द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन नहीं हो सका है। जिसके चलते अब नगर निगम से अब तक की गई कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट तलब की गई है। साथ ही निर्देशित किया गया है कि स्थाई रूप से आवारा मवेशियों के नियंत्रण से जुड़ी व्यवस्थाएं बनाई जाएं।
नगर निगम को अब इस काम में नियमित काम करना पड़ेगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की ओर से निगम आयुक्त को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मध्यप्रदेश नगर पालिका(रजिस्ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण) नियम २०२३ तथा पशु जन्म नियंत्रण(कुत्ते) नियम २००१ के क्रियान्वयन के संबंध में पहले भी पालन प्रतिवेदन चाहा गया था लेकिन कोई जानकारी नहीं भेजी गई है।
अब कहा गया है कि पूर्व में की गई कार्रवाई के संबंध में पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और यदि किसी कारण के चलते कार्रवाई नहीं हुई है तो उसका भी ठोस कारण बताया जाए। शासन की ओर से दिए गए इस निर्देश के चलते नगर निगम के अधिकारियों में इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई है कि जिस तरह से रीवा शहर में जगह-जगह आवारा मवेशी घूम रहे हैं उन पर नियंत्रण किया गया तो आने वाले दिनों में उन पर सख्त कार्रवाई हो सकती है। निगम आयुक्त से कहा गया है कि वह हर महीने की जाने वाली कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट विभाग को महीने की दस तारीख के पहले भेजें ताकि पूरे प्रदेश की समीक्षा एक साथ हो सके।
–
निगरानी समिति का नहीं हो सका गठन
नए नियमों में कहा गया था कि स्थानीय स्तर पर स्थानीय जन्म नियंत्रण एवं निगरानी समिति का गठन किया जाना था। रीवा में इस समिति का गठन अब तक नहीं किया गया है। समिति की जवाबदेही होगी कि वह आवारा मवेशियों पर निगरानी रखें और जहां पर जरूरत समझें तो कार्रवाई के लिए निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रेरित करें। एक बार फिर से निर्देशित किया गया है कि रीवा में भी इस निगरानी समिति का गठन किया जाए।
–
हर जानवर पर कार्रवाई का तीन महीने का देना होगा ब्यौरा
नगर निगम के पास आए निर्देश में कहा गया है कि एक अगस्त से लेकर ३१ अक्टूबर तक तीन महीने की अवधि में आवारा जानवरों पर की गई कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट देनी होगी। इसमें हर वार्ड के हिसाब से ब्यौरा देना पड़ेगा कि किस जगह पर कितने जानवरों पर नियंत्रण से जुड़ी कार्रवाई की गई। शहर के कई हिस्से ऐसे हैं जहां सड़कों पर ही आवारा मवेशी विचरण करते रहते हैं। वहीं आवासीय कालोनियों में आवारा मवेशियों के साथ ही कुछ पालतू मवेशी भी खुले में छोड़े जा रहे हंै। पूर्व में आए निर्देश में कहा गया गया था कि यदि कोई पशुपालक मवेशियों को खुले में छोड़ेगा तो उस पर जुर्माने की कार्रवाई होगी।
—
आवारा कुत्ते कर रहे हैं हमले
शहर में आवारा मवेशियों के साथ ही आवारा कुत्तों की भी बड़ी समस्या है। शहर की सड़कों पर झुंड में ये मौजूद रहते हैं। आए दिन इनके हमलों से लोग जख्मी हो रहे हैं। कुछ दिन पहले ही बिछिया में एक महिला को काट लिया था। स्थानीय लोगों की मदद से उसे बचाया गया। इसी तरह रतहरा में भी झुंड में मौजूद कुत्तों ने स्कूल से लौट रही लड़की पर हमला बोला था, उसी दौरान चार पहिया वाहन से आए लोगों ने उसे बचाया था। इसके अलावा कई ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जब लोगों को अस्पताल ले जाना पड़ा है। लगातार इनकी संख्या बढ़ रही है, जिसके चलते बधियाकरण का निर्देश जारी हुआ था पर रीवा में इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
–
जिले के सभी नगरीय निकायों को निर्देश
ेआवारा पशुओं पर नियंत्रण का निर्देश केवल नगर निगम को ही नहीं बल्कि जिले के सभी नगर परिषदों को भी दिया गया है। उनसे भी उसी तर्ज पर काम करने को कहा गया है जिस तरह से नगर निगम में काम होंगे। आवारा मवेशियों को पकड़कर गौशालाओं में भिजवाने और कुत्तों का बधियाकरण कराने का अभियान चलाना होगा।
——————