रीवा। घर से पढ़ाई के लिए या बाजार सहित अन्य स्थानों पर जा रही लड़कियों को किस तरह से छीटाकशी का सामना करना पड़ता है। इसे नाटक के जरिए प्रस्तुत किया गया, जिसकी लोगों ने जमकर सराहना की है। इसके माध्यम से यह बताया गया है कि लड़कियों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए आजकल लड़के अजीबोगरीब हरकतें करते हैं।
हाल यह होता है कि एक-एक लड़की के कई लड़के दीवाने होते हैं लेकिन इन सब बातों के पीछे उनकी मानसिकता क्या होती है? यही हरिशंकर परसाई ने अपनी कहानी ‘एक लड़की पांच दीवाने में” दिखाया है। जिसका मंचन “अवसर श्रृंखला” कार्यक्रम के तहत कला मंदिर रीवा में हुआ। जिसका निर्देशन रत्नेश गोस्वामी ने किया है। नाटक में कथा मध्यवर्ग से कमला नाम की एक ऐसी लड़की के इर्द-गिर्द घूमता है जिसकी खूबसूरती का पूरा मोहल्ला दीवाना है।
मोहल्ले के बीस से पचास वर्ष के पुरूष कमला को अपनी प्रेमिका की नजर से देखते हैं। यह दीवानें कमला को प्रभावित करने के लिए कुछ भी करने को हर पल तैयार रहते हैं। जिसके लिए पांच दीवाने उस लड़की की छोटी बहन की मदद करने में एक दूसरे से होड़ ले लेते हैं। इन दीवानों की दीवानगी ही कमला को चतुर बना देती है। हास्य व्यंग्य से भरपूर नाटक युवाओं की मनोस्थिति को दिखाती है।
नाटक में कोशिश की गई है कि मध्यम वर्ग की लड़की प्रेम के ऊपर अर्थ और धन को प्राथमिकता देती है, और अंत में लड़की कमला सब दीवानों को नकार देती है। उसकी शादी के बाद पांचों दीवानों को सांप सूंघ जाता है। नाटक में दीवानों का दर्द दर्शकों को आकर्षित करने वाला है। साथ ही यह संदेश देता है कि लड़कियां लड़कों की चापलूसी से नहीं उनकी काबलियत से प्रभावित होती हैं।
—-
नाटक में इनकी रही भूमिका
नाटक के कलाकारों में सूत्रधार मोहित कुशवाहा, दीवाना एक आशीष दहिया, दीवाना दो श्रुतिकीर्ति द्विवेदी, दीवाना तीन विपुल सिंह, दीवाना चार बादल नट, दीवाना पांच रत्नेश गोस्वामी, लड़की कमला का चरित्र साक्षी सिंह ने अपनी शानदार प्रस्तुति देकर नाटक में जान डाल दी।