Panna tiger reserve, Madhya Pradesh
पन्ना. बाघों और तेंदुओं से आबाद पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग कैट के बाद अब दुर्लभ श्रेणी के काले भेडिय़े की झलक दिखी है। यह काले भेड़िए टाइगर रिजर्व के किशनगढ़ बफर में कैमरे में कैद हुए हैं।
टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मोहित सूद ने बताया कि किशनगढ़ बफर के जंगल में काले रंग के भेडियों के होने के प्रमाण मिले हैं। दुनियाभर में इनकी संख्या बहुत ही कम है। इससे इन्हें दुर्लभ प्रजाति में शामिल किया गया है।
द लास्ट वाइल्डरनेश फाउंडेशन के रीजनल को आर्डिनेटर इंद्रभान सिंह बुंदेला ने बताया कि भारत में भूरे भेडिये हैं। उनमें मेलानिन के प्रभाव के कारण त्वचा और बालों का रंग बदल जाता है। काले भेडिय़ों की यहां पर मौजूदगी पहली बार पाई गई है।
ये भेडिय़े शिकार करने में माहिर होते हैं। इसी प्रकार से शिवनी के जंगलों में काले तेंदुए देखने की बात भी सामने आई थी। यह अपने आप में रेयर है। इससे पहले अगस्त 2021 में फिशिंग कैट के प्राकृतिक आवास की भी पुष्टि हुई थी। इससे पन्ना में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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देश में दो प्रजाति के भेड़िए
इंद्रभान सिंह बुंदेला बताते हैं कि भारत में भेडिय़ों की दो प्रजातियां इंडियन ग्रे वुल्फ और हिमालयन वुल्फ पाई जाती हैं। भारतीय ग्रे वुल्फ राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के हिस्सों में पाए जाते हैं।
हिमालयी भेडिय़ा ऊपरी हिस्से जैसे हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और सिक्किम में पाए जाते हैं। भेडिय़ों को भी बाघों की तरह संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया है।