नीमच। मध्यप्रदेश का नीमच जिला सीआरपीएफ की जन्मभूमि, अफीम फेक्ट्री जैसी कई उपलब्धियों के कारण देश भर में विख्यात है तो दूसरी तरफ यहां के एक समुदाय में प्रचलित देह व्यापार की कुप्रथा के कारण इलाका कलंकित भी होता रहा है।
नीमच में देह व्यापार में लिप्त इस समुदाय में खाप पंचायत की तरह ही जात पंचायत के फैसले देश की संवैधानिक व्यवस्था को चुनोती देते नजर आते हैं। ऐसा ही एक गंभीर मामला इस समुदाय की जात पंचायत के बाद प्रकाश में आया है व्यवस्था के लिए बेहद चिंतनीय है।
दरअसल यहाँ बांछड़ा समुदाय के ज्यादातर परिवार की लड़कियां पारंपरिक रूप से देह व्यापार करती हैं। बदलते दौर में समाज के पढ़े लिखे नोजवानों ने समाज मे भी बदलाव की न केवल जरूरत महसूस की बल्कि बदलाव का जिम्मा भी लिया।
इसी समुदाय के युवक आकाश चौहान ने एक एनजीओ के माध्यम से कई बालिकाओं को देह व्यापार की कुप्रथा से मुक्त कराने के लिए पुलिस प्रशासन की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग किया। लेकिन उसका यह सुधारवादी तरीका कुप्रथा के साथ चलने वाले समाज के लोगों को रास नहीं आया।
ऐसे में पहले तो युवक को धमकियां दी गई, खास फर्क नहीं पड़ा तो फिर जात पंचायत बैठाकर उसका हुक्का पानी बंद करने का फैसला ले लिया। इस बात का संदेश समुदाय में पहुंचाने के लिए भी बेहद अमानवीय तरीका अपनाया गया। समुदाय के दो प्रतिनिधियों द्वारा एक मुर्गा लाया गया।
वहां बाकायदा अगरबत्तियां जलाई गई और शराब की धार देते हुए मुर्गे को काटा गया। जब मुर्गा तड़प रहा था तो इस कृत्य को करने वाला व्यक्ति बोलता जा रहा था कि जो लोग भी समाज से बहिष्कृत व्यक्ति की मदद करेंगे वे ऐसे तड़पेंगे जैसे मुर्गा तड़प रहा है। बाकायदा इसका वीडियो भी बनाकर वायरल किया गया। जिस युवक को समाज से बहिष्कृत किया गया उसने हिम्मत दिखाई और सीधे पुलिस को शिकायत की।
एसपी अंकित जायसवाल ने मामले की तत्काल जांच करवाई और सिटी थाने पर 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।