Friday, February 7

रीवा। त्योंथर में एसडीएम बंगले के बाहर कुछ लोगों ने गुरुवार की सुबह एक शव रखकर धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मृतक के परिजनों द्वारा इलाज में कथित लापरवाही के आरोपों को लेकर किया गया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और उनकी संलिप्तता पर गंभीर सवाल उठाए। मृतक के परिजनों ने त्योंथर अस्पताल के डाॅक्टर पर आरोप लगाया कि उन्होंने आदिवासी समुदाय से संबंधित मरीज का ठीक से इलाज नहीं किया। परिवार का कहना है कि डाॅक्टर ने मरीज को छुआ तक नहीं और दूर से ही यह कह दिया कि मरीज ठीक हो जाएगा। कुछ समय बाद ही मरीज की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।

चुनरी गांव के निवासी राजकुमार आदिवासी ने बताया कि बीती शाम उन्होंने अपने पिता गेंदलाल आदिवासी को उपचार के लिए त्योंथर अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में कोई डाॅक्टर मौजूद नहीं थे, जिसके कारण कर्मचारियों ने उन्हें डाॅक्टर के बंगले पर जाकर सूचित करने की सलाह दी। जब वह बंगले पर पहुंचे तो डाॅक्टर ने कहा कि वह थोड़ी देर में आएंगे। उनके आने पर जब उन्हें मरीज की बिगड़ती हालत के बारे में बताया गया, तो उन्होंने मरीज को छुआ तक नहीं और कहा कि वह मर नहीं जाएगा, कुछ देर में ठीक हो जाएगा। इसके बाद डाॅक्टर वहां से चले गए और अस्पताल में कुछ देर रखने के बाद मरीज की हालत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। अस्पताल के कर्मचारियों ने भी परिवार की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। इस कारण परिजनों ने जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। यह पहली बार नहीं है जब त्योंथर अस्पताल में उपचार में लापरवाही के मामले सामने आए हैं। इससे पहले भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं, जिसके बाद लोगों को धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ा है।
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एसडीएम के आश्वासन पर माने

एसडीएम बंगले पर धरना दे रहे लोगों ने नारेबाजी की और बाहर आए एसडीएम को घटना के बारे में अवगत कराया। इस पर एसडीएम ने आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की वह जांच कराएंगे और जिम्मेदार डाॅक्टरों से जवाब लेंगे यदि कोई लापरवाही पाई जाएगी तो कार्रवाई होगी। वहीं मृतक के परिजनों ने कहा कि अभी अंतिम संस्कार करना है इसलिए वह जा रहे हैं। यदि कार्रवाई नहीं होगी तो वह फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे।

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उल्टी-दस्त से पीडि़त था मरीज
परिजनों ने बताया कि गेंदलाल आदिवासी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उसे उल्टी-दस्त हो रहा था। इसी का इलाज कराने वह अस्पताल आए थे, जहां पर किसी तरह का उपचार नहीं मिला और मौत हो गई। बताया गया कि उनके गांव में इन दिनों उल्टी-दस्त से पीडि़त मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गांव में किसी तरह की उपचार व्यवस्था नहीं है, इस कारण त्योंथर आना पड़ता है और यहां पर भी कोई इंतजाम नहीं हैं।
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त्योंथर में एक मरीज की मौत पर लोगों की ओर से धरना प्रदर्शन करने की जानकारी संज्ञान में आई है। पूरे मामले की जांच कराएंगे और यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है तो उस पर कार्रवाई होगी।
डॉ. संजीव शुक्ला, सीएमएचओ रीवा

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