रीवा। वन मंडल रीवा द्वारा ईको पार्क में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 तथा संशोधित अधिनियम 2022 की धारा 49 (एम) का क्रियान्वयन एवं जीवित प्राणी प्रजातियों की रिपोर्टिंग एवं रजिस्ट्रेशन नियम 2024 के तहत परिवेश पोर्टल 2.0 में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से जुड़ी जानकारी वन अमले को दी गई। प्रशिक्षकों द्वारा बताया गया की अब किसी भी व्यक्ति या पेट शॉप विक्रेताओं को विदेशी जीव जंतु, पक्षी प्रजातियों का पालन आसान हुआ है।

नए संशोधनों के अनुसार विदेशी प्रजातियां अब वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुसूची 4 के अंतर्गत आती हैं, एवं अब विदेशी जीवित प्राणी प्रजातियों का पंजीकरण करना अनिवार्य है। यह पोर्टल सुविधा देता है कि कोई भी व्यक्ति या पशु पक्षियों का व्यापार करने वाले संस्था वैधानिक रूप से साइटिस जीवित प्राणी जैसे की लवबर्ड्स, अफ्रीकन ग्रे पैरेट, सन् कन्योर, रेट फुट, टोरटइज, ग्रीनइगुआना, बालपाइथन, मकाउ एंपरर स्कॉर्पियन आदि को अपने पास रख सकते हैं।
वनकर्मियों को विदेशी मैमल्स रेप्टाइल्स एवं बर्ड्स के आकार रंग एवं उनकी प्रमुख पहचान आदि बातों के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षकों द्वारा वन कर्मचारियों के सवालों के जवाब भी दिए गए। जीवित विदेशी प्राणी प्रजातियों का परिवेश पोर्टल पर 31 अगस्त 2024 तक रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। सभी कर्मियों को नये दिशा निर्देशों की जानकारी से अवगत कराया गया।

कार्यशाला में मुकुंदपुर टाइगर सफारी के वन्यप्राणि चिकित्सक डॉ. राजेश तोमर, परिक्षेत्र अधिकारी रीवा अंबुज नयन पांडेय, परिक्षेत्र अधिकारी हनुमना नयन तिवारी, पशु चिकित्सा महाविद्यालय, पशुपालन विभाग, नगर निगम एवं पेट शॉप ओनर्स सहित अन्य मौजूद रहे। वैभव शुक्ला एवं हमजा वन मुख्यालय से प्रशिक्षण में शामिल हुए।

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