n- करीब दो दर्जन की संख्या में बच्चों को अस्पताल ले जाया गया, पांच का उपचार जारी
nरीवा। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रीवा जिले में शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत जिले के पांच ब्लाकों में शुक्रवार से दवा खिलाने की शुरुआत की गई है। इस अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक इंतजाम किए थे। इस दौरान बैकुंठपुर के नजदीक मझगवां गांव में फाइलेरिया की दवा खाने वाली करीब दर्जन भर की संख्या में छात्राओं की तबियत असहज हो गई। जिसके चलते परिजनों ने स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सूचित किया और उपचार के लिए सिरमौर ले जाया गया। जहां से पांच छात्राओं को संजयगांधी रीवा लाया गया है। शेष सभी की तबियत में सुधार के चलते अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इसी तरह से जिले के दूसरे कई हिस्सों से भी जानकारी सामने आई है। जहां पर बच्चों की तबियत खराब होने की वजह से उन्हें पास के अस्पतालों में ले जाया गया, जहां कुछ देर के बाद छोड़ दिया गया। बताया गया है कि कई बच्चों को दवा खाने के बाद जी मचलाने और उल्टी होने की शिकायत हुई थी। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने पहले ही एडवाइजरी जारी कर रखी थी कि
nजिन क्षेत्रों में माइक्रो फाइलेरिया है वहां पर इस तरह से बच्चों के शरीर में लक्षण दिखाई दे सकते हैं। बीते कई दिनों से यह अपील की जा रही है कि फाइलेरिया की दवा खाने से पहले खाली पेट नहीं रहें। जिन बच्चों की तबियत बिगड़ी है उसमें अधिकांश ने बताया है कि वह खाना खाकर नहीं आए थे।
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n– कर्मचारियों के साथ कहासुनी
nमझगवां में बस्ती की कुछ बच्चियों की तबियत खराब होने के बाद स्थानीय लोगों ने वहां पर मौजूद स्टाफ के साथ कहासुनी शुरू कर दी। इसको लेकर काफी देर तक शोर शराबा रहा। बाद में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को सुलझाया।
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nफाइलेरिया की दवा का कोई रिएक्शन नहीं है। कुछ बच्चे खाली पेट थे और कुछ दूसरी कारण से कुछ समय के लिए असहज महसूस कर रहे थे। संजयगांधी में एक बच्ची को भर्ती कराया गया है और चार को कैजुअलिटी वार्ड में रखा गया है। सुबह सब अपने घर चले जाएंगे।
nडॉ. बीएल मिश्रा, सीएमएचओ