रीवा. छह वर्षीय मयंक बोर के अंदर किन परिस्थितियों में गिरा है इसका खुलासा उसके साथ मौजूद एक बच्चे ने किया। मयंक के साथ तीन अन्य बच्चे खेत में गेहूं की बालियां बिनने के लिए गए थे। उसके साथ मौजूद मुकेश कोल ने बताया कि हम लोग मेड़ के रास्ते से जा रहे थे और सबसे पीछे मयंक था। मेड़ से ही उसका पैर फिसल गया था और वह सीधे बोरवेल के अंदर समा गया। हम लोगों ने आवाज लगाई तो बोर के अंदर से मयंक ने भी जवाब दिया और बोला कि मुझे बाहर निकालो। बाद में बोर के अंदर रस्सी डालकर उसे निकालने का प्रयास किया, लेकिन रस्सी उसे नजर नहीं आ रही थी। बाद में घर वाले आ गए।
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दो दिन से घर में नहीं चला चूल्हा, बेसुध हो रही थी मां
इस हृदय विदारक घटना से पूरा परिवार गहरे सदमें में है। 24 घंटे से घर में चूल्हा नहीं जला है और पूरा परिवार घटना स्थल पर ही बैठकर बच्चे की सलामती की दुआएं मांग रहा है। इस घटना से बच्चे की मां गहरे सदमे में है और वह बार-बार बेहोश हो रही थी। परिजन उस पर पानी के छींटे मारकर उसे होश में लाने का प्रयास कर रहे थे।
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कांटा डालने पर बच्चे के शर्ट का टुकड़ा निकाला
शुक्रवार की शाम बोरवेल में कांटा डालकर बच्चे को ढूंढने का प्रयास किया गया। जब कांटा बाहर निकल गया तो उसमें कपड़े के कुछ टुकड़े फंसे हुए थे। शर्ट का टुकड़ा बच्चे का ही बताया जा रहा है जिसकी पुष्टि परिजनों ने की है। वही एक अंडरवियर के कपड़े का भी टुकड़ा निकाला है। बोर में फंसी गेहूं की बालियां भी कांटा में फंसकर बाहर आई हैं।
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भीड़ को नियंत्रित करने में जूझते रहे पुलिसकर्मी
मयंक को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर आ गए थे, जो खुदाई स्थल के चारों ओर एकत्र थे। भीड़ की वजह से बार-बार मिट्टी धंसक रही थी जिस पर पुलिसकर्मी मौके पर एकत्र लोगों को नियंत्रित करने के लिए मशक्कत करते रहे।
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घटना के बाद बोर मालिक फरार
जिस समय यह हादसा हुआ उस समय खेत और बोर का मालिक मौके पर ही था। शुरुआत में उन्होंने भी बोरवेल में रस्सी डालकर बच्चे को बाहर निकलने का प्रयास किया था लेकिन जैसे ही परिजन सहित गांव के अन्य लोग आए तो वह वहां से चले गए। बाद में पूरा परिवार घर में ताला बंद करके लापता हो गया। उनके संबंध में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
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हाथों से कराई जा रही खुदाई
बोरवेल में फंसे बच्चे को बाहर निकालने के लिए मशीनों की मदद से कुछ दूर तक सुरंग बनाई गई लेकिन उसके बाद हाथ से खुदाई कराई जा रही है। मशीन से खुदाई में बच्चों के नीचे गिरने की संभावना को देखते हुए उन्हें रोक दिया गया और बड़ी संख्या में स्थानीय मजदूरों को लगाकर खुदाई कराई जा रही है ताकि बच्चे को किसी तरह का नुकसान न हो।
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पूरी रात मोर्चा संभाले रहे अधिकारी
बोरवेल में फंसे बच्चे को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पूरा प्रशासनिक अमला रात भर मौजूद रहा। कलेक्टर प्रतिभा पाल, एसपी विवेक सिंह सहित एसडीएम संजय जैन, एसडीओपी उदित मिश्रा, थाना प्रभारी कन्हैया बघेल सहित तमाम अधिकारी शुक्रवार की शाम 5 बजे से मौके पर ही हैं।
45 फिट तक पहुंचा कैमरा, नहीं दिखा मयंक
बोा में फंसे बच्चे की मूवमेंट जानने के लिए प्रशासन ने कैमरे की मदद भी ली थी। बोर में कैमरा डालकर बच्चे की मूवमेंट को देखने का प्रयास किया गया लेकिन 45 फिट के बाद कैमरा आगे नहीं गया। हालांकि बच्चा कमरे में नजर नहीं आया हैं जिससे आशंका जताई जा रही है कि वह और नीचे बोर में फंसा हुआ है। करीब 70 फिट गहरा बोर बताया जा रहा है। कैमरे में बच्चा नजर न आने से एनडीआरएफ की टीम भी अंदाज से खुदाई कर रही है।
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बोर में फंसे बच्चे को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चल रहा है। एनडीआरएफ की टीम मोर्चा संभाले हुए हैं। जल्द बच्चे को बाहर निकालने के लिए हम सारे प्रयास कर रहे हैं। खुदाई में बच्चे की सुरक्षा को भी ध्यान में रखकर काम कराया जा रहा है। जल्द रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा।
प्रतिभा पाल, कलेक्टर रीवा
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बोरवेल में फंसे बच्चे को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। एनडीआरएफ की टीम सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। बोर में ऑक्सीजन लगातार उपलब्ध कराई जा रही है।
अनिल सोनकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रीवा