Friday, February 7

रीवा. जिले के जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में शुक्रवार दोपहर 2.30 खेत में खुले पड़े 70 फीट गहरे बोर में 6 साल बच्चा गिर गया। बच्चे के रेस्क्यू के लिए जेसीबी की मदद से आसपास गड्ढा खोदा जा रहा है। बच्चे के साथ ही गेहूं की डंठल भी बोर में गिर गई है, जिससे वह कितने फीट गहराई में फंसा है यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। घटना के बाद जहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है वहीं पूरा गांव मयंक के बोर से सुरक्षित निकलने के लिए प्रार्थना कर रहा है।
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खेत में गेहूं की बाली बीनने के लिए गए थे बच्चे

ग्रामीणों ने बताया कि गांव के कुछ बच्चे कटे खेतों में गेहूं की बाली बीनने के लिए गए थे, जिनके साथ विजय कोल का 6 साल का बेटा मयंक भी पीछे-पीछे चला गया। घांसफूंस के बीच पर बोरबेल के पास मंयक खेल रहा था। अचानक उसका उसका पैर फिसल गया और ढलान होने से वह गहरे बोर में समा गया। दूसरे बच्चों ने शोर मचाकर घटना की जानकारी दी। हादसे की सूचना मिलते ही त्योंथर एसडीएम संजय जैन, एसडीओपी उदित मिश्रा, तहसीलदार राजेश तिवारी, थाना प्रभारी कन्हैया बघेल, जनपद सीईओ राहुल पाण्डेय सहित तमाम अधिकारी मौके पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू कराया।

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दो घंंटे में 15 फीट खुदाई, पोकलेन मशीन मंगाई

बोर के समीप शाम पांच बजे प्रशासन ने जेसीबी मशीन की मदद से खुदाई शुरू की थी और दो घंटे में 15 फीट गहराई तक खुदाई की जा चुकी है। अब खुदाई में तेजी लाने के लिए पोकलेन मशीन मंगाई जा रही है जो नीचे खुदाई करेगी और जेसीबी मशीन की मदद से तत्काल मिट्टी को बाहर कर दिया जाएगा।
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कैमरे में नहीं आया नजर
बोर में गिरे मयंक को बचाने के लिए प्रशासन रेसक्यू में जुटा हुआ है। बच्चे के साथ गेहूं की डंठल भी बोर में चली गई है। अधिकारियों ने बोर में कैमरा डालकर उसे देखने का प्रयास किया लेकिन डंठल ढकने से बच्चा नजर नहीं आया है। ऐसे में स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बच्चा कितनी गहराई में है।

अनुमान है कि 40 से 60 फीट के बीच में फंसा है। बोर में ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई गई है ताकि उसे सांस लेने में समस्या न हो। उसके उपचार के लिए मेडिकल टीम भी एंबुलेंस के साथ मौके पर तैनात है। कलेक्टर प्रतिभा पाल एवं पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह घटना स्थल पर पहुंच गए हैं तथा राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं।


बनारस से NDRF की टीम रवाना

बच्चे को बचाने के लिए प्रशासन सारी संभावनाओं पर काम कर रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर चलाने के लिए बनारस से एनडीआरएफ की टीम बुुलाई गई है जो वहां से रवाना हो गई है और उसके देर रात त्योंथर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं सेना बुलाने के विकल्प पर भी अधिकारी विचार कर रहे हंै।
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परिवार का बड़ा लडक़ा था मयंक
बोर के अंदर फंसा मयंक परिवार का सबसे बड़ा लडक़ा था। विजय कोल के तीन बच्चे थे जिसमें मयंक सबसे बड़ा था। इसके बाद चार साल का छोटा भाई और ढाई साल की छोटी बहन है। घटना से परिजन गहरे सदमे में हंै। वहीं दोपहर ढाई बजे से बोर के अंदर फंसे मयंक के लिए अब स्थानीय लोग भगवान से प्रार्थना से कर रहे हैं।

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रेसक्यू के दौरान बिगड़ा मौसम, अधिकारियों के हाथ-पैर फूले

रेसक्यू के दौरान सांयकाल अचानक मौसम बिगड़ा और बारिश होने लगी, इससे अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। बोर में पानी भरने से बचाने के लिए ऊपर पॉलीथिन लगवा दी गई। हालांकि थोड़ी बूंदाबांदी के बाद बारिश रुक गई थी जिसके बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। रात में यदि मौसम का मिजाज बिगड़ता है तो उसके लिए भी अधिकारियों द्वारा व्यवस्था कराई जा रही है ताकि बारिश होने पर पानी बोर में न भर जाए। बारिश यदि ज्यादा हुई तो कीचड़ की वजह से रेसक्यू ऑपरेशन में भी परेशानी आ सकती है।
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रात में रेसक्यू के लिए लगवाई गई लाइट
रात में रेसक्यू आपरेशन के लिए प्रशासन ने घटनास्थल पर लाइट की व्यवस्था सुनिश्चित करवा दी है। जनरेटर लगवाकर आसपास मर्करी लाइट लगवा दी गई है। बोर के आसपास सुरक्षा घेरा बना दिया गया है।

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तीन साल से खुला पड़ा था बोर

उक्त बोर करीब 70 फीट गहरा बताया जा रहा है। तीन साल पहले बोर को हीरामणि मिश्रा ने खुदवाया था लेकिन वह नाकाम था जिस पर उसे लावारिस छोड़ दिया गया था। उसे न तो बंद कराया गया था और न ही सुरक्षित कराया गया था। तीन साल से ही बोर खुला पड़ा था जिसकी वजह से यह हादसा हो गया।
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विधायक मौके पर पहुंचे
इस घटना के बाद त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पीडि़त परिजनों से मुलाकात की और उनको ढांढस बंधाया। इसके बाद उन्होंने रेसक्यू आपरेशन का भी जायजा लिया। अधिकारियों से बातचीत कर बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए हर संभव इंतजाम सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए है।

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तीन साल से खुला पड़ा था बोर

उक्त बोर करीब 70 फीट गहरा बताया जा रहा है। तीन साल पहले बोर को हीरामणि मिश्रा ने खुदवाया था लेकिन वह नाकाम था जिस पर उसे लावारिस छोड़ दिया गया था। उसे न तो बंद कराया गया था और न ही सुरक्षित कराया गया था। तीन साल से ही बोर खुला पड़ा था जिसकी वजह से यह हादसा हो गया।

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मनिका गांव में बच्चा बोर में फंसा हुआ है जिसको बाहर निकालने के लिए रेसक्यू आपरेशन चल रहा है। बोर के समीप ही गा खुदवाया जा रहा है। बनारस से एनडीआरएफ की टीम भी निकल चुकी है। रेसक्यू आपरेशन जल्द पूरा करवाने के लिए सारे संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
विवेक सिंह, एसपी रीवा

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