Friday, February 7

रीवा। त्योंथर में एसडीएम और वकीलों के बीच चल रहे विवाद के बीच अब जिला अधिवक्ता संघ भी खुलकर सामने आया है। संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र पांडेय ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि एसडीएम ने जानबूझकर मामले को उलझाया है। इस कारण अधिवक्ताओं में भी उनके रवैए को लेकर आक्रोश है। एसडीएम राजस्व न्यायालय में न्यायाधीश की भूमिका में होते हैं लेकिन यहां पर त्योंथर एसडीएम न्यायाधीश बनने के बजाए पक्षकार बनकर वकीलों से उलझ रहे हैं।

पांडेय ने कहा कि त्योंथर के एक गांव में 64 एकड़ भूमि के बंटवारे से जुड़ा मामला है। तीन लोगों के संयुक्त नाम से भूमि है। एक व्यक्ति आबकारी के बड़े अधिकारी से जुड़ा है, जिसने एसडीएम पर दबाव बनवाया है। यही कारण है कि एसडीएम उस व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए हर दो-तीन दिन में पेशी कर रहे हैं। जबकि अन्य प्रकरणों में पांच से छह के बाद पेशी दे रहे हैं। अधिवक्ताओं के साथ असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने की वजह से बात बिगड़ी है।

अब वह राजस्व अधिकारियों का संगठन जोड़ रहे हैं। इसलिए उन्हें यह समझना चाहिए कि अधिवक्ता भी अकेले नहीं हैं उनका भी समूह है। संघ अध्यक्ष पांडेय ने कहा कि इसके पहले गुढ़-रायपुर में रहते हुए भी उक्त एसडीएम विवादों में रहे हैं। अब वह कोर्ट में सुनवाई नहीं कर रहे हैं, ताला बंद कर गायब हैं।

राजेन्द्र पांडेय ने यह भी सवाल उठाया है कि हनुमना की रहने वाली महिला एसडीएम कार्यालय में क्या करती है जिसने अधिवक्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई है, यह भी स्पष्ट होना चाहिए। इस मामले में संघ उपाध्यक्ष तरुणेन्द्र सिंह ने भी कहा है कि एसडीएम माफी मांगकर मामले को शांत कराएं अन्यथा विवाद और बढ़ता जाएगा।

नए कोर्ट परिसर में दो एकड़ भूमि संघ को मिले
अधिवक्ता संघ अध्यक्ष ने कहा है कि निर्माणाधीन नए कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के लिए चेंबर कम बनाए गए हैं। अभी 300 से अधिक चेंबर पुराने कोर्ट में बने हैं और 200 और बनाने की मांग है। नए परिसर में 294 चेंबर ही मिल रहे हैं। इस कारण मांग है कि दो एकड़ भूमि संघ को दी जाए, जहां पर अपनी व्यवस्था के अनुसार कार्य कराया जा सके। इसके साथ ही संघ अध्यक्ष ने कहा कि नए परिसर में दो भवन हैं, इनमें आपस में जुड़ाव नहीं है।

इस कारण एक भवन से दूसरे भवन में आने-जाने में कठिनाइयां होंगी। दोनों भवनों के बीच इंटरलिंकिंग की मांग उठाई है। इस मामले में संघ के सचिव डीएस ओझा ने कहा कि आश्वासन मिला है कि जल्द ही इंटरलिंकिंग की व्यवस्था होगी। इसके लिए २२.६० लाख रुपए की स्वीकृति भी हुई है।

राजस्व अधिकारियों की मनमानी रुके
संघ अध्यक्ष पांडेय ने यह भी मांग रखी है कि राजस्व के अधिकारी समय पर कोर्ट में नहीं बैठते जिसकी वजह से अधिवक्ताओं को परेशान होना पड़ता है। साथ ही मनमानी रूप से आर्डर भी जारी कर रहे हैं। इस मामले में कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है। यदि कोई ठोस कार्रवाई नहीं होगी तो राजस्व अभियान के बाद ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा भी खोला जाएगा।

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