रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के नए कुलपति डॉ. राजेन्द्र कुमार कुड़रिया ने पहली बार प्रेस कांफ्रेस कर अपनी प्राथमिकताएं गिनाई हैं। उन्होंने कहा कि आगामी चार वर्षों के कार्यकाल में नए विजन के साथ काम करेंगे ताकि विश्वविद्यालय को देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों की कतार में खड़ा किया जा सके। विश्वविद्यालय में ऐसे नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे जो छात्रों को रोजगार से जोड़ेंगे। इसके लिए शार्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की तैयारी है। समय पर छात्रों के कोर्स पूरे करते हुए परीक्षाएं और परिणाम जारी करने पर जोर रहेगा ताकि अकादमिक कैलेंडर के अनुसार शैक्षणिक सत्र संचालित हो। पीएचडी के नोटिफिकेशन समय पर हो इसके प्रयास शुरू किए गए हैं। परीक्षा परिणाम जारी करने में कालेजों के स्तर से समस्याएं आती हैं इसलिए सभी कालेजों से कहा गया है कि प्रेक्टिकल और प्रोजेक्ट वर्क के अंक सीधे आनलाइन अपलोड करें। कुलपति ने कहा है कि शिक्षकों और कर्मचारियों की कमी है, इसे दूर करते हुए नैक ग्रेडिंग में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा, रामायण और बघेली शोध पीठ की स्थापना करने की भी तैयारी है। इस दौरान कुलसचिव डॉ. सुरेन्द्र सिंह परिहार और मीडिया सेल के नलिन दुबे भी मौजूद रहे।
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माइनिंग और डाटा साइंस के कोर्स शुरू किए जाएंगे
कुलपति ने बताया कि विंध्य क्षेत्र की पहचान माइनिंग से भी है। इसलिए विश्वविद्यालय में माइनिंग से जुड़े कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके लिए आईआईटी धनबाद के साथ वार्ता चल रही है। जल्द ही एमओयू होगा और वहां से सहयोग लेकर छात्रों के लिए अच्छे कोर्स प्रारंभ कराए जाएंगे। इसके साथ ही फैशन डिजाइन, एग्रीकल्चर, एविएशन, सोलर पैनल निर्माण, योग के साथ प्राकृतिक चिकित्सा के कोर्स होंगे। कुलपति ने कहा है कि वासिंगटन के एक विश्वविद्यालय से भी चर्चा चल रही है। उसके साथ भी यदि एमओयू हो जाएगा तो रीवा में अंतरराष्ट्रीय स्तर के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कर दिए जाएंगे।
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अतिक्रमण से खाली कराएंगे भूमि
विश्वविद्यालय की भूमि में अतिक्रमण के सवाल पर कुलपति डॉ. कुड़रिया ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास २५८ एकड़ भूमि है। इसमें कुछ हिस्से में अतिक्रमण है, जिसमें अधिकांश को पहले ही सीमांकन के बाद खाली कराया जा चुका है। शेष हिस्से को भी जल्द ही खाली कराया जाएगा। परिसर में कई हिस्से ऐसे हैं जो खाली पड़े हैं उन स्थानों पर नए भवनों के निर्माण का प्रस्ताव है। अलग-अलग मदों से प्राप्त राशि के जरिए भवनों का निर्माण कराया जाएगा।
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