Thursday, September 19

 Court News

रीवा। रीवा के बहुचर्चित संत बहादुर सिंह अपहरण कांड में अभियुक्तों को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। युवक का अपहरण कर आरोपियों ने फिरौती मांगी थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर फिरौती की रकम जब्त की थी।
गुढ़ थाने के मोहनिया घाटी के समीप से 23 जुलाई 2018 को बदमाशों ने सीधी के संत बहादुर सिंह का उस समय अपहरण कर लिया था जब वे अपने फोरव्हीलर वाहन से गांव जा रहे थे। 24 जुलाई को उनका वाहन मिर्जापुर जिले में बरामद हुआ। दो दिन बाद आरोपियों ने परिजनों को फिरौती के लिए फोन किया था। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच की और 54 दिन बाद उनको अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करवाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया।

आरोपियों से फिरौती में दिए गए 40 लाख रुपए भी बरामद हुए थे। पुलिस ने आरोपी बलिंदर सिंह निवासी औरंगाबाद बिहार, नारायण लोहार निवासी नानकनगर इंदौर, अजीत विश्ववकर्मा व संजू चंदेल को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पूरे मामले की विवेचना की और आरोपियों के खिलाफ भौतिक साक्ष्य एकत्र कर चालान सुनवाई के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से पैरवी एडीपीओ अंजू पाण्डेय ने की। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और आरोपियों पर अपराध सिद्ध पाया। न्यायालय ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।
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चलती ट्रेन से फेंकवाया था पैसों से भरा बैग, तत्कालीन आईजी व एसपी ने संभाली थी कमान
अपहरण कांड के आरोपियों को पकडऩे के लिए तत्कालीन आईजी उमेश जोगा व एसपी सुशांत सक्सेना ने कमान संभाली थी। अपहरणकर्ताओं ने परिजनों को 6 सितंबर के दिन फिरौती की रकम लेने के लिए प्रयागराज बुलाया था जहां उनके कहने पर प्रयागराज से पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में सवार हो गए। परिजनों का सिविल डे्रस में पुलिस पीछा कर रही थी। अपहरणकर्ताओं ने बिहार के गया सासाराम स्टेशन में ट्रेन के पहुंचने पर परिजनों को पैसों से भरा बैग पुल के नीचे फेंकने को बोला। जैसे ही परिजनों ने बैग फेंका तो पुलिस के जवान भी नीचे कूद गए। रीवा व बिहार पुलिस ने घेराबंदी करके अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया। आरोपियों के पास से रुपए बरामद कर लिए गए थे।
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शातिर अपराधी है बलिंदर सिंह
अन्र्तराज्जीय बदमाश बलिंदर सिंह शातिर अपराधी है और उसके खिलाफ कई मामले अलग-अलग राज्यों में दर्ज है। उसे रीवा पुलिस ने एक मामले में गिरफ्तार किया था लेकिन वह अस्पताल से चकमा देकर भाग गया था जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। फरार होने के बाद आरोपी ने इस अपहरण कांड को अंजाम दिया था। उसके खिलाफ आधा सैकड़ा से अधिक मामले लूट, मारपीट, अपहरण के दर्ज है।

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