रीवा। नगर निगम रीवा के परिषद की बैठक में जमकर बवाल हुआ। जिसमें दोनों पक्षों के पार्षद आमने-सामने आ गए और एक-दूसरे के साथ झूमाझटकी की। बढ़ते विवाद को देखते हुए महापौर एवं परिषद अध्यक्ष को बीच-बीचाव में उतरना पड़ा। काफी देर तक हंगामा होता रहा, जब स्थिति सामान्य होती नहीं दिखी तो निगम अध्यक्ष ने गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए परिषद की बैठक स्थगित कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद भी दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए हैं।
बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने मांग उठाई कि वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर चर्चा कराई जाए और एक प्रस्ताव पास कर सहमति जताई जाए। इस पर महापौर अजय मिश्रा ने आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि यह स्थगित बैठक है, नियमानुसार इसमें नए एजेंडे शामिल नहीं किए जा सकते। स्पीकर व्यंकटेश पांडेय ने नियम देखने के बाद भाजपा पार्षदों की मांग को खारिज कर दिया। इसके बाद भाजपा के समीर शुक्ला ने कहा कि बजट बुकलेट में महापुरुषों की प्रतिमा लगाने का उल्लेख है लेकिन इनके नाम के साथ सम्मान नहीं जोड़ा गया है। सीधे नाम लिखा है, जबकि उनके पद और प्रतिष्ठा का भी उल्लेख होना चाहिए जिससे पहचान हो सके कि किसके बारे में बताया जा रहा है। इसे भी महापौर ने यह कहते हुए खारिज किया कि लिपिकीय त्रुटि है, उसे सुधार दिया जाएगा। इसके बाद भी भाजपा पार्षद शोरशराबा करते रहे। जिसके चलते बैठक दस मिनट के लिए स्थगित की गई।

अर्थी निकालने के बाद शुद्धीकरण से बढ़ा बवाल
भाजपा के पार्षदों ने बजट की बुकलेट को कफन से ढंककर उसकी अर्थी निकाली और कहा कि इस बजट में कुछ नहीं है, इसका शहर के विकास से कोई लेनादेना नहीं है। पार्षदों ने कहा कि इस अर्थी को मुक्तिधाम तक ले जाएंगे और वहीं पर इसका अंतिम संस्कार करेंगे। निगम स्पीकर द्वारा बार-बार समझाइश दिए जाने के बाद भी भाजपा पार्षद शांत नहीं हुए तो उन्होंने बैठक को स्थगित कर दिया। जिसके बाद मामला शांत हो गया। दोबारा जैसे ही बैठक शुरू होने लगी कांग्रेस की ओर से मेयर इन काउंसिल के सदस्य मनीष नामदेव ने एक बाटल लेकर उसका पानी छिड़क कर कहा कि अर्थी निकालकर सदन को अशुद्ध किया गया है, इसलिए शुद्धीकरण कर रहे हैं। मनीष पानी छिड़क ही रहे थे कि भाजपा के समीर शुक्ला पहुंचे और बाटल लेकर कांग्रेस पार्षदों की ओर पानी छिड़क दिया। जिस पर कांग्रेस के धनेन्द्र सिंह सहित दूसरे पार्षद भी भड़क उठे। देखते ही देखते दोनों पक्षों के सभी पार्षद आमने-सामने आ गए और झूमाझटकी शुरू हो गई।

आसंदी छोड़कर उतरे स्पीकर
दोनों पक्षों के पार्षदों के बीच झूमाझटकी होने पर बैठक स्थगित कर स्पीकर व्यंकटेश पांडेय आसंदी छोड़कर पार्षदों के बीच पहुंचे और दोनों पक्षों को शांत कराया। इस दौरान महापौर अजय मिश्रा बाबा भी अपनी कुर्सी छोड़कर पार्षदों के बीच पहुंचे और समझाइश देकर दोनों पक्षों को अलग कराया। इस दौरान कई महिला पार्षद भी शोरशराबा कर रही थी।
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ओबीसी समाज के जनप्रतिनिधि के अपमान का आरोप
परिषद में हुआ घटनाक्रम राजनीतिक रूप भी लेने लगा है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव गुरमीत सिंह मंगू ने कहा कि भाजपा के प्रतिनिधियों द्वारा ओबीसी समाज के पार्षद मनीष नामदेव के साथ किए गए अभद्र व्यवहार पर माफी मांगना चाहिए। इस घटनाक्रम के वीडियो देखकर पूरा ओबीसी समाज आहत हुआ है। इसके पहले भी भाजपा ओबीसी, एसटी और एसी समाज के प्रतिनिधियों को अपमानित करती रही है। मनीष नामदेव के साथ हुई घटना को कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी, भाजपा संगठन माफी मांगे।
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पार्षदों ने बैठक के बाद भी लगाए आरोप
बैठक में हंगामा होने के बाद कुछ पार्षद तो आपस में मिलते दिखे लेकिन कइयों में तल्खी बाहर भी बनी रही। एमआईसी सदस्य धनेन्द्र सिंह ने कहा कि सोची समझी साजिश के तहत व्यवधान उत्पन्न किया गया है। महापौर के नेतृत्व में २२० करोड़ से शहर की तस्वीर बदल रही है। इस कारण हंगामा मचाया। वहीं मनीष नामदेव ने कहा कि उन्हें सदन में कमजोर दिखाने के लिए सामूहिक रूप से हमला किया गया। निर्दलीय पार्षद नम्रता सिंह का कहना है कि दोनों पक्ष मूल मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहते हैं। इसलिए बवाल करते हैं।
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