Thursday, September 19

 

रीवा। अयोध्या में श्रीराम मंदिर (Shri Ram Mandir)  में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को होने जा रहा है। इसको लेकर रीवा सहित हर जगह बड़े धार्मिक अनुष्ठानों की तैयारी है। इस बीच गोविंदगढ़ में स्थित पंचमंदिर की भी चर्चा शुरू हो गई है। यहां पर महाराजा दशरथ का तीन रानियों के साथ मंदिर बनाया गया था। साथ ही श्रीराम, लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्र के भी उसी जगह मंदिर थे। इस तरह से पांच मंदिरों के समूह को मिलाकर यह पंचमंदिर तैयार कराया गया था। कई वर्षों से यह पूरा परिसर ही खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।

यह मंदिर प्रशासन की देखरेख में है, इसका स्वामित्व सरकार के पास है। जिसकी वजह से इसकी दुर्दशा और बढ़ती जा रही है। स्थानीय लोग बताते हैं कि महाराजा दशरथ के तीनों रानियों के साथ मंदिर देश के कुछ ही प्रमुख स्थानों पर हैं। रीवा के तत्कालीन महाराजा रघुराज सिंह (Maharaja Raguraj Singh) ने वर्ष 1854-80 के बीच गोविंदगढ़ में नगर बसाया था। यहां पर वृंदावन की तर्ज पर कई मंदिर बनाए गए थे। उसी समय पंचमंदिर की भी स्थापना कराई गई थी। जहां पर महाराजा दशरथ और तीनों रानियों के मंदिर के साथ ही भगवान राम और चारों भाइयों के भी मंदिर थे। मंदिर परिसर में ही हनुमान जी और गरुण की प्रतिमा भी लगाई गई थी। एक तरह से श्रीराम से जुड़े अहम लोगों का इस मंदिर में वर्णन था।
गोविंदगढ़ के निवासी डॉ. रमेश बढौलिया बताते हैं कि यह ऐतिहासिक मंदिर रहा है। यहां पर पहले संस्कृत की कक्षाएं मंदिर के पुजारी अन्नपूर्णा महराज लगाते रहे हैं। करीब 50 वर्ष पहले जब उनकी मौत हुई उसके बाद से यह पूरा परिसर ही उपेक्षा का शिकार होता गया। लक्ष्मणबाग संस्थान के अधीन इस मंदिर का संचालन किया जाता रहा है। कई वर्षों तक बिना पुजारी के ही यह मंदिर रहा। बड़ी मुश्किल से पुजारी की नियुक्ति हुई है तो धार्मिक प्रसाद वर्तमान में पूजा-पाठ कर रहे हैं। यहां पर अब श्रद्धालुओं की आवाजाही भी कम होती जा रही है। डॉ. बढ़ौलिया सहित स्थानीय निवासियों ने कहा है कि लक्ष्मणबाग संस्थान के ट्रस्ट का संचालन जिला प्रशासन के अधीन है, इस कारण यहां की व्यवस्थाओं के सुधार के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।



चोरियों के बाद मूर्तियां हटाई गईं
गोविंदगढ़ के मंदिरों में अष्टधातु की बेशकीमती मूर्तियां लगाई गई थी। यहां के मंदिरों को बीते कुछ वर्ष पहले बदमाशों ने निशाना बनाया और कई मंदिरों से मूर्तियों की चोरी की गई। इतना ही नहीं कई मंदिरों में पुजारियों की हत्या कर वहां की बहुमूल्य वस्तुएं भी लूटी गईं। पंचमंदिर गोविंदगढ़ में बढ़ती चोरियों को देखते हुए कुछ वर्ष पहले ही यहां पर श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न आदि की मूर्तियां हटाई गई थी। वहां से कई मूर्तियां लक्ष्मणबाग लाई गई हैं। इस कारण भी पंचमंदिर खंडहर और वीरान होता जा रहा है। दशरथ मंदिर की प्रतिमाएं पत्थर की हैं और भारी वजन होने की वजह से प्रशासन ने इन्हें वहां से नहीं हटाया था।

– मंदिर के रखरखाव के लिए मिलते हैं पांच हजार
मंदिर के रखरखाव को लेकर शासन द्वारा इनदिनों पांच हजार रुपए हर महीने दिए जा रहे हैं। इसी में पुजारी का मानदेय भी शामिल है। इतने कम रुपयों में महीने भर कैसे व्यवस्था बनाई जा सकती है, यह भी पुजारी के सामने बड़ी चुनौती है। पुजारी धार्मिक प्रसाद का कहना है कि मंदिर में चढ़ावा भी नहीं आता कि उसी से ही परिसर को बेहतर बनाया जा सके। उनका भी कहना है कि प्रशासन इस पर ध्यान दे तो व्यवस्थाएं सुधारी जा सकती हैं।

Share.
Leave A Reply