Snakes Love story : प्यार की डोर सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि जानवरों को बांधकर रखती है। साथी के बिछडऩे के बाद बेजुबान जानवरों का प्रेम सामने आ जाते है। ऐसा ही एक नजारा एक गांव में देखने को मिला जहां नागिन की मौत के बाद नाग तीन दिनों से सड़क पर बैठकर विलाप कर रहा है। इतना ही नहीं नागदेवता ने सड़क में ट्राफिक तक रोक दिया। नाग नागिन का प्रेम अब गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
मध्यप्रदेश के रीवा-गोविन्दगढ़ रोड में स्थित पड़ोखर गांव का यह मामला बताया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक तीन दिन पूर्व यहां पर एक नागिन की किसी वाहन से कुचलकर मौत हो गई थी। नागिन की मौत के बाद नागदेवता पूरी तरह बेसुध हो गए और सड़क में पड़े नागिन के शव के पास फन फैलाकर बैठ गए। यह दृश्य देखकर लोगों के होश उड़ गए। बीच सड़क में बैठे नागदेवता को देख कोई भी बगल से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था और करीब डेढ़ घंटे तक आवागमन बाधित रहा। कुछ फोरव्हीलर सवारों ने किनारे से निकलने का प्रयास किया तो नागदेवता ने उन पर गुस्से में आकर झपट्टा मारा। किसी तरह नागिन के शव को किनारे किया गया जिसके बाद नागदेवता भी सड़क छोड़कर किनारे बैठ गए। तीन दिनों तक वे सड़क के किनारे घूमकर नागिन के शव की रखवाली करते रहे। कुछ लोग सांप के करीब तक गए लेकिन सांप ने उनको नुकसान नहीं पहुंचाया लेकिन फोरव्हीलर वाहन के गुजरने पर नागदेवता आक्रमक हो जाते है।
नागिन का शव कोई जानवर ले गया लेकिन नागदेवता ने उस स्थान को नहीं छोड़ा। रविवार की शाम को वे वहां पर आए थे और सड़क के किनारे घंटो बैठे रहे। लोग वहां से गुजरते रहे लेकिन किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। अब गांव में इस बात की चर्चा है कि नागदेवता नागिन की मौत का बदला लेने के लिए उस स्थान पर खड़े हुए है।
कोबरा प्रजाति के है नाग नागिन, सफेद था नागिन का रंग
उक्त नाग नागिन का जोड़ा कोबरा प्रजाति का है जो आमतौर पर काफी जहरीला माना जाता है। यह तब तक किसी इंसान पर हमला नहीं करता जब तक उसे अपने लिए खतरा महसूस न हो। हादसे मृत नागिन सफेद रंग की थी जो सामान्य सांपो के रंग से विपरित थी। हालांकि यह सांपों में ऐल्बिलिनम की वजह से होता है। यह स्तनधारी जीवों में सर्वाधिक पाया जाता है जिसमें उनका रंग सफेद हो जाता है।
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क्या कहते हैं स्थानीय लोग
नागिन की मौत किसी वाहन से कुचलकर मौत हो गई थी जिसके बाद नागिन के शव के पास नाग बैठा हुआ था। लोगों ने उसे भगाने का भी प्रयास किया लेकिन वह भाग नहीं रहता था। सड़क में तीन दिनों तक वह बैठा रहा जिसकी वजह से आवागमन भी रुका रहा। रविवार की शाम को भी वह उस स्थान पर आया था और कुछ देर बैठने के बाद वापस चला गया।
दीपनारायण शुक्ला, स्थानीय निवासी
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नागिन और नाग दोनों साथ में थे। नागिन पर किसी ने गाड़ी चढ़ा दी थी जिसमें उसकी मौत हो गई थी। उसके बाद से नाग सड़क पर बैठ गए थे। नागिन सफेद रंग की थी। रविवार को भी नाग यहां पर आए थे और सड़क के किनारे बैठे रहे। बाद में अपने से वे चले गए। कोई यदि सड़क से हटाने का प्रयास करता है तो वे अपने स्थान को नहीं छोड़ते है।
श्रवण कुमार शुक्ला, स्थानीय निवासी