रीवा। श्यामशाह मेडिकल कालेज में मेडिसिन विभाग द्वारा गैर संक्रामक रोगों पर किए जा रहे शोध पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जहां पर देश के कई हिस्सों से वरिष्ठ चिकित्सक पहुंचे और नए तरह की उपचार पद्धति पर अपने अनुभव साझा किए। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए अलग-अलग भागों में बांटकर उपचार किया जाएगा तो बेहतर सुविधा रोगी को मिल सकेगी।
मेडिकल कालेज द्वारा नॉन कम्युनिकेबल डिजीज(एनसीडी) अपडेट पर मेडिसिन विभाग एवं रीवा इंटरनिस्ट एसोसिएशन द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां पर वाराणसी बीएचयू से पद्मश्री डॉक्टर केके त्रिपाठी नेफ्रोलॉजिस्ट, डॉक्टर धर्मेंद्र जैन कार्डियोलॉजिस्ट, डॉक्टर वीके भारद्वाज एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, जबलपुर से डॉक्टर विशाल कस्तवार डायबिटीज विशेषज्ञ, इंदौर से डॉक्टर सौरभ मालवीय रूमेटोलॉजिस्ट, भोपाल से डॉक्टर शौनक वलामे मेडिकल ऑनकोलॉजिस्ट, नागपुर से डॉक्टर सतीश लाहोटी न्यूरोलॉजिस्ट आदि ने अपनी बातें रखी।
बनारस के डॉ. त्रिपाठी ने किडनी से जुड़ी समस्याओं और नए-नए तरह की बीमारियों पर किए गए रिसर्च पर चर्चा की। अन्य डाक्टरों ने लकवा, ब्लड कैंसर, गैस से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान पर बात रखी। इस दौरान मेडिकल कालेज के डीन डॉक्टर मनोज इंदुरकर, ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉक्टर पीके बघेल, अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा, डॉक्टर अनुराग चौरसिया, डॉक्टर एमएच उस्मानी, डॉक्टर हरिओम गुप्ता, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. रामविलास दुबे, डॉ. पंकज चौधरी, डॉ. शब्द सिंह यादव, डॉ. महेन्द्र तिलकर सहित अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
रीवा से डॉ. उस्मानी ने हिचकी और डकार से जुड़ी समस्याओं पर जानकारी दी। मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. पीके बघेल ने बताया कि अब हर विभाग में रोगों के इलाज के लिए वर्गीकरण व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए रिसर्च किए जा रहे हैं। मेडिसिन में संक्रामक और गैर संक्रामक दो तरह के रोगों पर अलग-अलग अध्ययन किए जा रहे हैं।
रीवा में गैर संक्रामक रोगों पर पिछले कुछ समय में हुए रिसर्च और नए अपडेट पर चर्चा के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें ब्लड प्रेशर, डायबटीज, लकवा, बात, मिर्गी एवं अन्य बीमारियों पर चर्चा हुई है। रीवा में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित अन्य स्थानों से विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल हुए और नए अपडेट्स पर चर्चा की।