रीवा। श्यामशाह मेडिकल कालेज द्वारा हार्ट अटैक आने पर मरीजों को त्वरित उपचार देने के लिए स्टेमी परियोजना लागू की गई है। जिसके तहत जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की गई है। इसको लेकर मेडिकल कालेज में मल्टी डिसीप्लीनरी रिसर्च यूनिट द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया। जहां पर पहुंचे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के कर्मचारियों को ईसीजी मशीन की ट्रेनिंग दी गई, साथ ही हार्ट अटैक आने पर मरीज को किस तरह से प्राथमिक उपचार देना है इसकी जानकारी दी गई।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मीनाक्षी शर्मा ने परियोजना को जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा जिला अस्पताल को जोडऩे के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि हार्ट अटैक संबंधी जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिये।

श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के अधिष्ठाता प्रो. मनोज इन्दुरकर ने चिकित्सा महाविद्यालय स्तर पर हर संभव व्यवस्था करने की बात कहीं तथा विशेषज्ञों को रोस्टर तय करने की बात कही। संजयगांधी अस्पताल के संयुक्त संचालक डॉ. राहुल मिश्रा ने सभी को एस्प्रिन मेडिसिन पॉकेट में रखने का सुझाव दिया तथा सभी चिकित्सको को हृदय रोगियों की पहचान व उनके बचाव करने आदि की जानकारी दी।

स्टेमी प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक डॉ. केडी. सिंह ने कहा कि यह एक सामाजिक उत्तर दायित्व है, एवं लोगों की जान बचाना हमारा कर्तव्य है एवं किसी भी हृदय रोगी के सम्पूर्ण निदान व बचाव के लिए अपने सहयोग का आश्वासन दिया। परियोजना अनुसंधान वैज्ञानिक पर्वतराज पाण्डेय द्वारा परियोजना के संचालन तथा समन्वयन के संबंध में जानकारी दी।

इस दौरान डॉ.शंखपाणि महापात्रा, डॉ. संजय पाण्डेय आदि ने भी अपनी बातें रखी। प्रशिक्षण कार्यशाला में त्योंथर से डा. श्याम बिहारी, मऊगंज से डॉ. आरबी चौधरी व डा. पंकज पाण्डेय, जवा से डॉ. अग्निवेश मिश्रा, नईगढ़ी से डा. रामचन्द्र पटेल व अपराजिता सिंह, गंगेव से डॉ.आशीष पटेल व डॉ.नीलम दुबे, सिरमौर से डॉ. पीयूष तिवारी, हनुमना से डॉ. विजय कुमार व डॉ.सम्राट कुशवाहा सहित अन्य नर्सिंग स्टाफ शामिल हुआ।

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