मऊगंज। डिजिटल अरेस्ट में फंसकर जान गंवाने वाली शिक्षिका के मामले में नया खुलासा हुआ है। आरोपियों ने पुराने सिक्के खरीदने के बदले महिला को झांसे में लिया था। बदमाशों की बातों में आकर महिला ने रुपए भी जमा कर दिए थे, लेकिन जब शिक्षिका ने अतिरिक्त रुपए जमा करने से मना कर दिया तो आरोपियों ने धमकियां देना शुरू कर दिया। इससे डरकर महिला शिक्षिका ने आत्मघाती कदम उठा लिया
मऊगंज थाने के घुरेहटा निवासी अतिथि शिक्षिका रेशमा पाण्डेय ने 5 जनवरी को जहर का सेवन कर लिया था, जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। महिला साइबर फ्राॅड को अंजाम देने वाले बदमाशों के जाल में फंस गई थी। फर्जीवाड़े की कहानी 3 जनवरी से शुरू हो गई थी। बदमाशों ने उनको फोन किया और पुराने सिक्के महंगे दामों पर खरीदने के बदले उनको 1.75 करोड़ देने का झांसा दिया था। महिला उनकी बातों में आ गई और विभिन्न प्रक्रिया के नाम पर 3500, 2000 सहित अन्य किस्तों में रुपए बदमाशों को डाल दिए। इसके बाद भी आरोपी दूसरी प्रक्रिया के नाम पर उनसे रुपए की डिमांड कर रहे थे। जब महिला ने आगे रुपए देने से मना कर दिया तो आरोपियों ने उनको धमकियां दी और प्रकरण दर्ज हो जाने की जानकारी दी। महिला शिक्षिका को दो साल की जेल व 50 हजार का जुर्माना की जानकारी दी। इस धमकी से महिला ने 5500 रुपए पांच जनवरी को दोपहर 2.30 बजे आरोपियों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए। इसके बाद भी जब आरोपियों की धमकियां बंद नहीं हुईं तो उन्होंने शाम को पांच बजे जहर का सेवन कर लिया। पुलिस अब उनके मोबाइल का पूरा डाटा निकाल रही है, जिससे आरोपियों के संबंध में जानकारी मिल सके।

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समय पर नहीं पहुंची थी एम्बुलेंस, इलाज में भी देरी
महिला के देवर ने बताया कि जिस दिन यह घटना हुई उस दिन एम्बुलेंस की सुविधा समय पर नहीं मिली। एम्बुलेंस मिलने में दो घंटे का समय लग गया, जिससे महिला शिक्षिका की हालत ज्यादा बिगड़ गई। उनको जब लेकर संजय गांधी अस्पताल पहुंचे, तो चिकित्सकों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
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मामले की जांच की जा रही है। साइबर टीम आरोपियों का पता लगाने में जुटी है। प्रारंभिक जांच में जो जानकारियां सामने आई हैं उसके आधार पर आगे जांच की जा रही है। आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
रसना ठाकुर, एसपी मऊगंज

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